नई दिल्ली। कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसानों का धरना प्रदर्शन अभी भी जारी है. दिल्ली स्थित जंतर मंतर प्रदर्शन की इजाजत की मांग वाली किसान संगठनों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की.
एक तरफ कोर्ट में याचिका, तो दूसरी तरफ आंदोलन क्यों ?
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, एक तरफ किसान संगठनों ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. और दूसरी ओर आंदोलन भी कर रहे हैं. ऐसा कैसे हो सकता है?
लखीमपुर खीरी हिंसा : केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा बोले- हिंसा के लिए राकेश टिकैत जिम्मेदार
ऐसे में सुप्रीम कोर्ट इस बात पर विचार करेगा कि, कोई व्यक्ति या संगठन आंदोलन में लंबित मामलों पर प्रदर्शन कर सकता है या नहीं.
किसान महापंचायत ने की थी ये मांग
बता दें कि, किसान महापंचायत ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की थी की उन्हें दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की इजाजत दी जाए।
Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर हिंसा पर बवाल, प्रियंका के बाद अखिलेश और शिवपाल यादव भी हिरासत में
लेकिन किसान महापंचायत ने इसके समानांतर राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कृषि कानूनों को चुनौती भी दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति जताई
ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति जताते हुए कहा कि, किसान संगठनों ने एक तरफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है और दूसरी ओर आंदोलन भी कर रहे हैं. ऐसा कैसे हो सकता है?
लखीमपुर खीरी हिंसा में अबतक 8 की मौत, हिरासत में दर्जनों नेता, जानें पूरा मामला
राजस्थान हाईकोर्ट में दाखिल याचिका सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने किसान महापंचायत की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट में दाखिल याचिका को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया.
मामले पर अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी
शीर्ष कोर्ट ने एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि, लोगों को कोई एक चीज चुननी होगी. या तो अदालत से राहत मांगें या फिर आंदोलन करें. मामले में अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी.
हिरासत में लिए जाने पर प्रियंका का हमला – तुम लोग मेरा अपहरण कर रहे हो
राकेश टिकैत समेत 43 किसान नेताओं को नोटिस जारी
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने किसान नेता राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव समेत 43 किसान नेताओं और संगठनों को नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों ना उन्हें इस मामले में पक्षकार बनाया जाए.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक याचिका में किसानों को सड़कों से हटाकर रास्ता खाली कराने की मांग की गई है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने किसान नेताओं को नोटिस जारी किया है.