बिहार में शराबबंदी कानून के तहत अधिकारियों को स्कॉर्पियो जब्त करना भारी पड़ गया है। इस मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोषी अधिकारियों पर एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दोषी अधिकारियों को उक्त राशि आठ सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता को देनी होगी। कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता का नाम प्राथमिकी में किसी अन्य वाहन के विषय में दर्शाया गया है।
पटना हाई कोर्ट ने गैरकानूनी रूप से एक गाड़ी (स्कॉर्पियो) को शराबबंदी कानून के तहत जब्त करने के मामले पर सुनवाई करते हुए दोषी अधिकारियों पर एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दोषी अधिकारियों को उक्त राशि आठ सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता को देनी होगी।
न्यायाधीश पीबी बजनथ्री एवं न्यायाधीश आलोक कुमार पांडेय की खंडपीठ ने हीरा कुमार दास की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया। खंडपीठ ने बीते 21 फरवरी को यह जानना चाहा था कि क्या गाड़ी को राज्यसात करने की कार्रवाई शुरू की गई है या नहीं।
मालिक की उचित पहचान कर सुपुर्द करने का निर्देश
राज्य सरकार द्वारा यह प्रस्तुत किया गया कि ऐसी कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई है। कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता का नाम प्राथमिकी में किसी अन्य वाहन के विषय में दर्शाया गया है। अदालत में राज्य सरकार की कार्रवाई को त्रुटिपूर्ण पाते हुए दो सप्ताह के भीतर गाड़ी को उसके मालिक की उचित पहचान कर सुपुर्द करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सक्षम प्राधिकारी दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने के लिए स्वतंत्र हैं।