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शिवसेना नेता की हत्या के बाद मुंबई पुलिस हुई सख्त

अधिकारी ने बताया कि यूबीटी वाली शिवसेना के नेता विनोद घोसालकर के बेटे अभिषेक घोसालकर की पिछले महीने मुंबई में गोली मारकर हत्या किए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई है।

यूबीटी वाली शिवसेना के नेता अभिषेक घोसालकर की फेसबुक लाइव के दौरान हत्या के बाद मुंबई पुलिस सख्ते में आ गई है। पुलिस ने सभी इकाइयों को निजी सुरक्षा के लिए हथियार रखने वाले लोगों और सुरक्षा सेवाएं मुहैया कराने वालों के लाइसेंस सत्यापित करने का आदेश दिया है।

एक अधिकारी ने बताया कि अपराध शाखा की इकाई छह और सात ने बिना लाइसेंस के हथियार रखने के खिलाफ कार्रवाई करने के तहत 10 दिनों के अंदर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।

हथियारों के लाइसेंस की जांच जारी
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) लखमी गौतम ने बताया, ‘बिल्डरों, नेताओं आदि की सुरक्षा के लिए रखे गए सुरक्षा गार्ड और निजी अंगरक्षक जांच के दायरे में हैं और उनके हथियार लाइसेंस का सत्यापन किया जा रहा है। जिन लोगों के पास दूसरे राज्यों का लाइसेंस है और मुंबई में अपने हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें अपने लाइसेंस स्थानांतरित करने होंगे। इसके बाद अपने हथियारों से संबंधित दस्तावेज शहर की पुलिस को जमा कराने होंगे।’

पिछले महीने नेता को मारी थी गोली
अधिकारी ने बताया कि शिवसेना यूबीटी नेता विनोद घोसालकर के बेटे अभिषेक घोसालकर की पिछले महीने मुंबई में गोली मारकर हत्या किए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई है। हमलावर मौरिस नोरोन्हा ने बाद में अपने अंगरक्षक की पिस्तौल से खुद को गोली मार ली थी। यह घटना एक फेसबुक लाइव के दौरान हुई थी। पुलिस ने बाद में नरोन्हा के अंगरक्षक अमरेंद्र मिश्रा को शस्त्र अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया था।

अधिकारी ने कहा, अगर हथियार रखने वाला व्यक्ति इससे संबंधित पर्याप्त दस्तावेज दिखाने में असफल होता है तो उसके खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि जो लोग हथियार रखते हैं, चाहे वे सुरक्षा गार्ड हों या निजी अंगरक्षक, वह इसका दिखावा नहीं कर सकते।’

इन पर की गई कार्रवाई
उन्होंने बताया कि हाल ही में की गई कार्रवाई में अपराध शाखा की यूनिट सात ने 26 वर्षीय जमरूल हनीफ खान और 34 वर्षीय मोहम्मद यासर मोहम्मद इकबाल को 21 फरवरी को घाटकोपर से गिरफ्तार किया था। उनके पास से हथियार बरामद किए गए थे, जिसके बारे में उनका दावा है कि उन्हें पुंछ में एक अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ने उनकी सुरक्षा के लिए दिया था।’

अधिकारी ने बताया कि दोनों ने महाराष्ट्र पुलिस के समक्ष अपने हथियारों का पंजीकरण नहीं कराया था और शस्त्र अधिनियम के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसी तरह, अपराध शाखा ने 29 फरवरी को उपनगर कुर्ला में हनुमंत प्रताप विष्णुदत्त पांडे के पास से एक रिवॉल्वर और चार कारतूस बरामद होने के बाद उसे गिरफ्तार किया था।

पांडे ने कथित तौर पर स्वतंत्र रूप से सुरक्षा सेवाएं कीं और हथियारों के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया, जिसे उन्होंने उत्तर प्रदेश से खरीदा था। अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने महाराष्ट्र को लाइसेंस हस्तांतरित नहीं किया था और न ही संबंधित अधिकारियों को सूचित किया था।

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