लखनऊ। पीएम नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जालियांवाला बाग हत्याकांड में शहीद हुए अमर बलिदानियों को याद करते हुए उन्हें नमन किया है.
पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि
पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ‘1919 में आज ही के दिन जलियांवाला बाग में शहीद होने वाले लोगों को श्रद्धांजलि। उनका अद्वितीय साहस और बलिदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पिछले साल जलियांवाला बाग स्मारक के पुनर्निर्मित परिसर के उद्घाटन के मौके पर दिया गया अपना भाषण साझा कर रहा हूं।’
पंजाब के अमृतसर जिले में ऐतिहासिक स्वर्ण मंदिर के नजदीक जलियांवाला बाग नाम के इस बगीचे में अंग्रेजों की गोलीबारी से घबराई बहुत सी औरतें अपने बच्चों को लेकर जान बचाने के लिए कुएं में कूद गईं। निकास का रास्ता संकरा होने के कारण बहुत से लोग भगदड़ में कुचले गए और हजारों लोग गोलियों की चपेट में आए।
सीएम योगी ने शहीदों को किया नमन
सीएम योगी ने ट्वीट किया कि, देश की स्वतंत्रता हेतु अपने प्राणों की आहुति देने वाले ‘जलियांवाला बाग’ के अमर बलिदानियों को कोटिश: नमन. मां भारती के वीर सपूतों का बलिदान स्थल ‘जलियांवाला बाग’ चिरकाल तक हर भारतवासी के हृदय में राष्ट्र सेवा की ज्योति जागृत करता रहेगा.
बहुत दर्दनाक थी ये घटना
13 अप्रैल 1919 को पंजाब के अमृतसर में हुए जालियांवाला बाग हत्याकांड को आज 103 साल पूरे हो गए. बैसाखी के इस दिन क्रूर अंग्रेजों ने सैकड़ो भारतीयों की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी. इतिहास के पन्नो में दर्ज अंग्रेजों के अत्याचार की यह घटना भारतीयों को क्रोध, दुख और गर्व से भर देती है. यह घटना इतनी दर्दनाक थी कि आज भी इसके बारे में सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं.
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क्या थी घटना ?
जालियांवाला बाग में रॉलेट एक्ट और सत्यपाल व सैफुद्दीन किचलू की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध करने के लिए एक सभा हो रही थी. इसमें काफी संख्या में लोग पहुंचे थे. अंग्रेज अफसर जनरल डायर ने नहत्थे लोगों पर गोलियां चलवा दी. जान बचाने के लिए निहत्थे लोगों को भागने तक का मौका नहीं मिला. पार्क से बाहर निकलने के लिए एक संकरा सा रास्ता था इसे भी अंग्रेज सिपाहियों ने बंद कर दिया था.
10 मिनट तक बाग को घेरे अंग्रेजों ने चारो तरफ से गोलियां बरसाईं. कुछ लोग तो अपनी जान बचाने के लिए कुंए में कूद गए. ब्रिटिश सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस घटना में 379 लोग मारे गए थे जबकि 1200 से अधिक लोग घायल हुए थे.