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बारिश से हाहाकार : कुमाऊं में बाढ़ जैसे हालात, रामगढ़ में फटा बादल, अलग-अलग जगहों पर कई लोगों की मौत

देहरादून। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बारिश कहर बनकर बरस रही है। कुमाऊं में बारिश के कारण मलबे में दबकर अभी तक सात लोगों की मौत हो चुकी है। मंगलवार सुबह नैनीताल जिले के रामगढ़ में धारी तहसील में दोषापानी और तिशापानी में बादल फट गया।

राहत और बचाव कार्य जारी

इस दौरान मजदूरों की झोपड़ी पर रिटेनिंग दीवार गिर गई। जिसमें सात लोग मलबे में दब गए। जिसमें से हयात सिंह और उनकी माता के शव बरामद हुए। हयात सिंह की पत्नी, तीन बेटियां और एक बेटा अब भी मलबे में दबे हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है।

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उधर, खैरना में झोपड़ी में पत्थर गिरने से दो लोगों की मौत की खबर है। चंपावत के तेलवाड़ में एक भूस्खलन की चपेट में आ गया। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई। जबकि तीन लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। वहीं, अभी कुछ लोग मलबे में फंसे हैं।

रेस्क्यू दल ने करीब 65 लोगों को बचाया

बाजपुर के गांव झाड़खंडी में गडरी नदी में बहे किसान रामदत्त भट्ट (45) का शव मिल गया है। शव घटना स्थल से करीब 200 सौ मीटर दूर से बरादम किया गया है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं, टनकपुर में भारी बारिश के बाद आए सैलाब में फंसे लोगों को निकालने के लिए सेना की मदद ली गई। इस दौरान रेस्क्यू दल ने करीब 65 लोगों को बचाया।

भूस्खलन से मलबे में दबे दो बच्चों की मौत

अल्मोड़ा के भिकियासैंण में एक मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया। इस दौरान दो बच्चे मलबे में दब गए। जिनके शव बरामद कर लिए गए हैं। वहीं, अल्मोड़ा के ही एनटीडी क्षेत्र में एक मकान मलबे की चपेट में आ गया। इस दौरान एक मासूम की मौत हो गई।

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वहीं, पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने दो लोगों को सुरक्षित निकल लिया। उधर, बाजपुर में लेवड़ा नदी उफान पर आ गई। जिससे मुख्य बाजार और कॉलोनियों में बाढ़ का पानी भर गया। पानी भरने से लोगों के घरों का सामान भी पूरी तरह खराब हो गया है। वहीं, बाजपुर में भी बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं।

मलबे में दबकर दो मजदूरों की मौत

गरमपानी में भारी बारिश के चलते हाइवे के निर्माणधीन कंपनी के दो मजदूरो की टिन शेड में आए मलबे में दबने से मौत हो गई। एनएच में चौड़ीकरण की देखरेख कर रहे तैयब खान ने बताया हादसे में हसमूद (40) और इमरान (34) निवासी भोजीपुरा बरेली यूपी की दबकर मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने पर तहसीलदार बरखा ने दोनों की मौत की पुष्टि की है।

खतरे के निशान से ऊपर बह रही कोसी नदी

कोसी नदी में पानी बढ़ने से रामनगर के गर्जिया मंदिर को खतरा पैदा हो गया। पानी मंदिर की सीढ़ियों तक पहुंच गया है। वहीं बैराज के सभी फाटक खोल दिए गए हैं।

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कोसी बैराज पर कोसी नदी का जलस्तर 139000 क्यूसेक है। जो खतरे के निशान से काफी ऊपर है। कोसी बैराज में खतरे का निशान 80000 क्यूसेक है। 

हल्द्वानी में गोला नदी उफान पर

उधर, हल्द्वानी में गोला नदी उफान पर आने से नदी पर बना अप्रोच पुल टूट गया। जिसके कारण वहां आवाजाही बंद हो गई है। टनकपुर में शारदा नदी के उफान से क्रशर मार्ग ने नाले का रूप ले लिया है। 

मंगलवार की सुबह गोला नदी का जलस्तर 90 हजार क्यूसेक पार हो गया। जिससे अप्रोच पुल टूट गया। सूचना पर प्रशासन और एनएचएआई के अधिकारियों ने सड़क का जायजा लिया।

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नदी का जलस्तर बढ़ने से गोला बैराज को खतरा पैदा हो गया है। बारिश के कारण नाला भी उफान पर आ गया जिससे नाले के किनारे बना एक मकान बह गया।

नैनीताल में सड़कों पर आया झील का पानी

उधर, नैनीताल में भारी बारिश से कई जगह पानी भर गया है। वहीं, तल्लीताल चौराहे में (डांठ) में लगभग दो इंच की दरार पड़ गई। सूचना मिलते ही एसडीएम और सीओ मौके पर पहुंच गए। कैंट रोड में पानी का बहाव बहुत तेज होने के कारण दुकानों के अंदर फंसे लोगों को सेना के जवानों ने रेस्क्यू कर निकाला।

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रामनगर में रिजॉर्ट में घुसा पानी, 100 लोग फंसे

नदी के ओवरफ्लो होने से कोसी नदी का पानी रामनगर-रानीखेत मार्ग स्थित लेमन ट्री रिजॉर्ट में घुस गया था। डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक इस दौरान लगभग 100 लोग फंस गए थे। वे सभी सुरक्षित हैं। 

हरिद्वार में खतरे के निशान पर पहुंची गंगा

पहाड़ों की बारिश के बाद हरिद्वार में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। सुबह साढ़े आठ बजे से पानी के जलस्तर में बढोतरी हुई है। जिसके बाद से प्रशासन अर्लट मोड पर है।

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बैराज के खतरे का निशान 294 मीटर पर है। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के एसडीओ शिवकुमार कौशिक ने बताया कि रात 12:00 बजे के बाद टिहरी बांध व श्रीगंगानगर से पानी छोड़े जाने से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। जिससे क्षेत्र में अलर्ट जारी किया गया है

ऋषिकेश में त्रिवेणी घाट का आरती स्थल डूबा

ऋषिकेश में गंगा खतरे के निशान से महज 20 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। त्रिवेणी घाट के आरती स्थल समेत विभिन्न गंगा घाट जलमग्न हो गए हैं। प्रशासन तटीय क्षेत्रों में रह रहे लोगों को आश्रय स्थलों में शिफ्ट कर रहा है।

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ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर 340.30 मीटर पर पहुंच गया है। गंगा चेतावनी निशान 340.50 मीटर के बिल्कुल करीब पहुंच गई है। केंद्रीय जल आयोग ने मैदानी जिलों के प्रशासन अलर्ट कर दिया है। पुलिस गंगा के तटीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों लगातार अलर्ट कर रही है।

लोगों को दूसरी जगह किया जा रहा शिफ्ट

वहीं चंद्रेश्वर नगर, मायाकुंड, चंद्रभागा के आसपास रहने वाले लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है। त्रिवेणी घाट का आरती स्थल, परमार्थ घाट, नाव घाट, शत्रुघ्न घाट आदि घाट पानी में डूब गए हैं।

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केदारघाटी में बर्फबारी

केदारनाथ में बारिश के साथ ऊपरी पहाड़ियों पर बर्फबारी हो रही है। वहीं, यमुनोत्रीधाम सहित यमुना घाटी की पहाडियां कोहरे से ढकी हुई हैं। उधर, राजधानी देहरादून समेत पहाड़ो की रानी मसूरी मे चटक धूप खिली है। 

कई ट्रेनें प्रभावित

बारिश के बाद उत्तराखंड आने वाली कई ट्रेनें निरस्त की गई हैं। वहीं, कई ट्रेनों को शार्ट टर्मिनेट किया गया है। सूचना के लिए पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल के मुख्य स्टेशनों पर हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।

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