प्रयागराज। सीबीआई ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है. इस मामले में सीबीआई ने प्रयागराज में दर्ज हुई एफआईआर को ही तहरीर बनाया है. ये एफआईआर अमर गिरी पवन महाराज ने दर्ज कराई थी.
आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में दर्ज हुई FIR
सीबीआई की दिल्ली यूनिट ने आईपीसी 306 में एफआईआर दर्ज की है और ये एफआईआर आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित यानी उकसाने की धारा में दर्ज हुई है. सीबीआई की टीम ने प्रयागराज पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है.
तमाम एंगलों की जांच करेगी सीबीआई
महंत नरेद्र गिरि महाराज की हत्या हुई थी या उन्हे आत्महत्या के लिए उकसाया गया था और इसके पीछे क्या कोई आपराधिक षडयंत्र भी था? सीबीआई इन तमाम एगंलो की जांच करेगी.
कमरे में मृत पाए गए थे नरेंद्र गिरी
बता दें कि, 72 साल महंत सोमवार को बाघंबरी मठ स्थित अपने कमरे में मृत पाए गए. प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि गिरि की मौत फांसी के कारण दम घुटने से हुई है.
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उत्तर प्रदेश पुलिस की एक जांच के अनुसार, महंत को आखिरी बार सोमवार को दोपहर के भोजन के बाद अपने कमरे में प्रवेश करते देखा गया था.
शाम को उनके शिष्यों ने दरवाजा खटखटाया तो कोई जवाब नहीं आया. जब उनके शिष्यों ने दरवाजा तोड़ा और कमरे में प्रवेश किया तो उन्होंने नरेंद्र गिरि को छत से लटका पाया.
कई संतों ने महंत की मौत को हत्या करार दिया
जिस कमरे में महंत नरेंद्र गिरि ने अपनी वसीयत लिखी थी, उस कमरे से एक कथित हस्तलिखित सुसाइड लेटर भी बरामद किया गया था और कई लोगों के नाम उसमें लिखे हुए थे.
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इन लोगों को पुलिस कर चुकी है गिरफ्तार
उनकी मृत्यु के बाद एक बड़ा विवाद तब खड़ा हो गया जब कई संतों ने कथित सुसाइड नोट को फर्जी करार दिया और महंत की मौत को हत्या करार दिया. महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में तीन लोगों आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को यूपी पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.