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दिल्ली में किन महिलाओं को नहीं मिलेंगे 1000 रुपये

अपने पहले बजट में वित्त मंत्री आतिशी ने महिलाओं को फोकस में रखा। बजट प्रस्ताव में सरकार ने 2024-25 में मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना लेकर आई है। इस मद में 2000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके तहत आधी आबादी सशक्त होगी।

चुनावी साल में दिल्ली सरकार ने महिलाओं को बड़ा तोहफा दिया है। दिल्ली की महिलाओं को अब हर महीने 1000 रुपये सम्मान राशि मिलेगी। इसके लिए बजट में दिल्ली सरकार मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना लेकर आई है। इसके तहत 18 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को इसका लाभ मिलेगा।

सरकार का मानना है कि इससे किताबों की जरूरत तो पूरी होगी ही, अगर वे पढ़ाई के लिए कोचिंग करना चाहती हैं तो इससे उन्हें राहत मिलेगी। इतना ही नहीं व्यक्तिगत खर्च के लिए भी उन्हें किसी के सामने हाथ फैलाने की आवश्यकता नहीं होगी। अपने पहले बजट में वित्त मंत्री आतिशी ने महिलाओं को फोकस में रखा। बजट प्रस्ताव में सरकार ने 2024-25 में मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना लेकर आई है। इस मद में 2000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके तहत आधी आबादी सशक्त होगी। आतिशी ने भरोसा जताया कि दिल्ली की महिला सुरक्षा और सम्मान के प्रयासों से भगवान राम का आशीर्वाद सभी दिल्लीवालों को मिलेगा।

राम राज्य वाले बजटीय भाषण में आतिशी ने आगे कहा कि हमारे परिवारों में जब बेटी या बहन ससुराल से अपने घर आती है, तो उसके बड़े भाई या पिता उसके हाथ में पैसा थमा देते हैं ताकि वह अपने जरूरतों का सामान खरीद सकें। अब उन्हें किसी के सामने हाथ फैलाने की आवश्यकता नहीं होगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बड़ा भाई और बेटा होने का फर्ज निभाते हुए यह योजना लेकर आए हैं।

किसे मिलेगा योजना का लाभ

  • 18 साल से ऊपर की हर महिला को प्रति महीना 1000 की राशि मिलेगी।
  • योजना के लिए योग्य वे महिला होंगी जो अभी सरकार की किसी पेंशन स्कीम का हिस्सा नहीं हैं।
  • सरकारी कर्मचारी नहीं है। इनकम टैक्स नहीं देती है।
  • स्कीम के लिए पात्र महिला को एक फॉर्म भरना होगा और सेल्फ डिक्लेरेशन देना होगा कि वह किसी सरकारी योजना का हिस्सा नहीं है, सरकारी कर्मचारी नहीं है और इनकम टैक्स पेयर नहीं है।
  • फॉर्म के साथ हर महिला को आधार कार्ड और बैंक अकाउंट की जानकारी देनी होगी।

अभी जो सुविधाएं मिल रही हैं

  • दिल्ली सरकार 9 लाख लड़कियों को शिक्षा दे रही है।
  • इस साल 933 लड़कियों ने नीट आैर 123 लड़कियों ने जेईई पास किया।
  • पिंक टिकट पर इस साल 11 लाख महिलाएं फ्री सफर कर रही हैं।
  • मुख्यमंत्री सीसीटीवी योजना के तहत दिल्ली में 2 लाख 60 हजार से ज्यादा कैमरे लगे हैं।
  • हर किलोमीटर पर 62 से ज्यादा लाइटें लगी हैं।
  • मुख्यमंत्री स्ट्रीट लाइट्स योजना के तहत 2 लाख 80 हजार एलईडी लाइट लगी हैं।

महिलाओं के लिए फ्री बस यात्रा रहेगी जारी

डीटीसी और क्लस्टर बसों में ‘पिंक टिकट’ के जरिये महिलाओं की फ्री यात्रा की स्कीम जारी रखने के लिए वित्त वर्ष 2024-25 में 340 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सामाजिक उत्थान और महिला सशक्तिकरण को समर्पित केजरीवाल सरकार की इन सभी योजनाओं के लिए 6,216 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है।

सरकार ने पोषण से जुड़ी योजनाओं के लिए 664 करोड़ का किया प्रावधान

दिल्ली सरकार के बजट 2024-2025 में रामराज्य की अवधारणा के तहत पोषण से जुड़ी योजनाओं के लिए लगभग 664 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री आतिशी ने विधानसभा में कहा कि असली रामराज्य वहां है, जहां कोई भूखा नहीं सोता है। उन्होंने बताया कि कभी कोई व्यक्ति भूखा न रहे और हर जरूरतमंद को खाना मिले, इसके लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। दिल्ली में 10,897 आंगनवाड़ी केंद्र हैं। इसमें 8 लाख महिलाओं और बच्चों के पोषण की व्यवस्था की जाती है।

प्रतिदिन 3 से 6 साल के 1 लाख 80 हजार बच्चों को पौष्टिक खाना दिया जाता है। इसमें 3 साल तक के 3 लाख 40 हजार बच्चों को पंजीरी-नुमा और 1 लाख 20 हजार गभर्वती माताओं को पौष्टिक भोजन की व्यवस्था की जाती है। इसके लिए सरकार ने 11 विश्व स्तर की किचन बनाई हैं, जिसमें बच्चों के लिए ज्वार, बाजरा, रागी, राजमा, छोले, दाल जैसे हाई प्रोटीन चीजों से उनकी पसंद के आहार बनाए जाते हैं। मिड-डे-मील योजना के तहत रोजाना दिल्ली सरकार और एमसीडी स्कूलों में पढ़ने वाले 20 लाख से अधिक बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध होता है।

सरकार की प्राथमिकता में फिर शिक्षा

दिल्ली सरकार स्कूलों की बुनियादी, ढांचागत सुविधाओं को सुधारने के बाद शिक्षकों के विश्व स्तरीय प्रशिक्षण, आंत्रप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम व खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं देने पर जोर देगी। इन योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार ने वर्ष 2024-25 के बजट में शिक्षा के लिए 16,396 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। बीते वर्ष शिक्षा को 16,575 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। सरकार ने अपनी प्राथमिकताओं में से सबसे प्रमुख शिक्षा के लिए सर्वाधिक बजट आवंटित किया है। यह कुल बजट का करीब 22 फीसदी है, जबकि बीते साल यह 21 फीसदी था। वित्त मंत्री आतिशी ने बजट पेश करते हुए कहा कि बजट का सबसे बड़ा हिस्सा शिक्षा को आवंटित किया जा रहा है। सरकार पिछले नौ सालों में अपने प्रयासों से दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन लेकर आई है।

वित्त मंत्री ने कहा कि दस बार से कुल बजट का लगभग एक चौथाई शिक्षा पर खर्च करते आ रहे हैं। 2014-15 के बजट में शिक्षा पर व्यय मात्र 6,554 करोड़ था और इस साल 16,396 करोड़ का बजट पेश किया है। दिल्ली में शिक्षा के लिए कभी पैसों की कमी नहीं हुई। दस साल में शिक्षा की बदली तस्वीर ने दिखा दिया कि इच्छाशक्ति होने पर बच्चों को विश्व स्तरीय शिक्षा और बेहतर भविष्य दिया जा सकता है। सरकार ने इस बजट में कोई बड़ी नई योजना को पेश नहीं किया है बल्कि पुरानी योजनाओं को ही आगे बढ़ाने के लिए बजट राशि प्रस्तावित की है।

सभी जोन में खुलेंगे स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस

दिल्ली सरकार सभी जोन में स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस खोलेगी। इसके लिए बजट में 42 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान रखा है। दिल्ली मॉडल वर्चुअल के नए स्टूडियो, इंफ्रास्ट्रक्चर और लर्निंग मटेरियल तैयार करने के लिए 12 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

बजट की प्रमुख बातें

  • शिक्षकों के विश्वस्तरीय प्रशिक्षण को प्राथमिकता दी। एससीईआरटी के टीचर्स ट्रेनिंग के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान।
  • नए स्कूल व क्लासरूम के लिए 190 करोड़ रुपये और मौजूदा क्लासरूम के रखरखाव के लिए 45 करोड़ का प्रावधान।
  • मुख्यमंत्री सुपर टेलेंटेड कोचिंग स्कीम के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 6 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है।
  • खिलाड़ियों को बेहतर खेल सुविधाएं देने के लिए 118 करोड़ रुपये बजट में प्रस्तावित।

उच्च और तकनीकी शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा

सरकार उच्च शिक्षा व तकनीकी शिक्षा को और बढ़ावा देगी। इसके लिए बजट में 1212 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें दिल्ली स्किल एंड आंत्रप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी के लिए 165 करोड़ रूपये, नेताजी सुभाष टेक्निकल यूनिवर्सिटी के लिए 56 करोड़, दिल्ली फार्मास्यूटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी के लिए 42 करोड़, दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी के लिए 41 करोड़, अंबेडकर यूनिवर्सिटी के लिए 92 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं। इसके अलावा आईटीआई के लिए 242 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

बिजनेस ब्लास्टर्स सीनियर योजना

उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों में आंत्रप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए सरकार अपनी यूनिवर्सिटीज और आईटीआई में बिजनेस ब्लास्टर्स सीनियर के नाम से एक नई योजना शुरू करने जा रही है। इस योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 15 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

दिल्लीवालों को मिलती रहेगी मुफ्त बिजली

दिल्ली वालों को इस साल भी मुफ्त बिजली मिलती रहेगी, बजट में सरकार ने इसका एलान किया है। इसके साथ ही 400 यूनिट से ज्यादा खर्च करने वाले उपभोक्ताओं के लिए भी सोलर योजना के तहत बिजली बिल शून्य करने की योजना प्रस्तावित की है। विद्युत क्षेत्र के लिए दिल्ली सरकार के बजट में 3,353 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक 4500 मेगावाट बिजली सोलर प्लांट से उत्पादित की जाए जो कुल पावर सप्लाई का 25 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता हो। इस तरह से सरकार ने पर्यावरण अनुकूल भी बजट पेश किया है।

दिल्ली सरकार ने अपने रामराज्य वाले बजट में कहा कि रामराज्य का मतलब ही है कि हर घर रौशन। बजटीय भाषण में वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि ये किसी चमत्कार से कम नहीं है कि केजरीवाल सरकार दिल्ली में 24 घंटे बिजली देती है, देश में सबसे सस्ती बिजली देती है। 22 लाख से ज्यादा परिवारों का बिजली का बिल जीरो आता है। बिजली डिस्ट्रीब्यूशन करने वाली कंपनी मुनाफे में है जो देश में टॉप 3 में शामिल है। आतिशी ने सदन में कहा कि बिजली मुफ्त मिले यह रामराज्य नहीं तो और क्या है। उन्होंने कहा कि राम राज्य से प्रेरित सरकार की जिम्मेदारी अपने लोगों के साथ-साथ पर्यावरण के प्रति भी है।

2027 तक 4500 मेगावाट बिजली सोलर प्लांट से उत्पादित करना लक्ष्य

बजट में 2024-25 में दिल्ली सरकार की हर बिल्डिंग की छत पर सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। दिल्ली सरकार ने यह भी लक्ष्य रखा है कि 2027 तक 4500 मेगावाट बिजली उत्पादित की जाए। कुल पावर सप्लाई का 25 प्रतिशत सोलर एनर्जी से होगा। आतिशी ने कहा कि दिल्ली में लोगों को अपना घर रौशन करने के लिए दीपावली का इंतजार नहीं करना पड़ता।

घरेलू उपभोक्ताओं को सब्सिडी का लाभ मिल रहा

दिल्ली में 58 लाख 86 हजार घरेलू बिजली उपभोक्ता हैं, जिनमें से 68.33 प्रतिशत को सब्सिडी का लाभ मिल रहा है। 40 लाख 22 हजार घरेलू उपभोक्ताओं को केजरीवाल सरकार की सब्सिडी का लाभ मिल रहा है, साल 2023 में दिल्ली में 3 करोड़ 41 लाख बिजली के बिल जीरो आए केजरीवाल सरकार ये सब्सिडी इस साल भी जारी रखेगी। आतिशी ने सदन को बताया कि दिल्ली सोलर पॉलिसी 2023 तैयार है। गजट नोटिफिकेशन की प्रक्रिया में है, जो भी उपभोक्ता 400 से अधिक यूनिट बिजली इस्तेमाल करते है, सोलर पैनल लगाने के बाद उनका बिजली का बिल भी जीरो आने लगेगा।

जिला अदालतों में हाइब्रिड सुनवाई पर 100 करोड़ रुपये खर्च करेगी सरकार

दिल्ली सरकार ने वर्ष 2024-25 के लिए रामराज्य की अवधारणा के तहत जिला अदालतों में हाइब्रिड सुनवाई के लिए एक नई योजना का प्रस्ताव रखा है। इसके लिए 100 करोड़ रुपये का बजट अनुमानित है। इसके तहत आरोपित या याचिकाकर्ता मोबाइल फोन के जरिये घर बैठे ही अदालत की ओर से तय की गई तारीख पर पेश हो सकते हैं। इसके लिए जिला अदालतों में सेटअप तैयार किया जाएगा।

इस सुविधा के लिए संबंधित उपकरण की व्यवस्था की जाएगी। राजधानी में न्यायिक बुनियादी ढांचा को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। वर्ष 2024-2025 उठाते हुए चार जिला अदालतें राउज एवेन्यू, रोहिणी, शास्त्री पार्क व कड़कड़डूमा अदालत में नए परिसर बना रही हैं। इसके तहत चैंबर व कमरों की संख्या में वृद्धि की जाएगी। जजों, वकीलों व लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बेहतर सार्वजनिक सुविधाएं भी तैयार की जाएगी।

दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने बजट पेश करते हुए कहा कि विधि व न्याय विभाग व न्यायालयों के विभिन्न कार्यों के लिए बजट में 3098 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए है। राम राज्य का अगला सिद्धांत है कि किसी के साथ अन्याय न हो। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों को समय पर न्याय मिले, इसके लिए दिल्ली सरकार ने कई कदम उठाए हैं। जहां 2014-15 में न्याय व्यवस्था के लिए कुल बजट 760 करोड़ रुपये होता था। वहीं, इस बार यह आंकड़ा चार गुना बढ़ा है। इस बार के बजट 3 हजार 98 करोड़ का प्रावधान है।

एक लाख से अधिक लोगों को मिली फ्री लीगल सर्विस

ऐसे लोग जो मुकदमे के लिए वकील का खर्चा नहीं उठा पाते हैं, उनके लिए दिल्ली सरकार अदालत में केस लड़ने के लिए निशुल्क न्यायिक सेवाएं उपलब्ध करवाती है। इसके अलावा मुकदमा लड़ने के लिए वकील भी देती है। दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण (डीएसएलएसए) जरूरतमंदों को बिना किसी खर्च के वकील मुहैया करवाती है। 2022-23 में 125000 लोगों को फ्री लीगल सर्विस मिली है।

मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना के लिए 80 करोड़ रुपये

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना के लिए 80 करोड़ रुपये का बजट रखा है। सरकार ने पिछले साल सामाजिक के लिए 4,744 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। कल्याण विभाग जिसमें तीर्थयात्रा जैसी योजनाओं पर व्यय शामिल है। आतिशी ने बजट पेश करते हुए कहा कि योजना के तहत अब तक 92 ट्रेनों के माध्यम से लगभग 87,000 बुजुर्ग परिवार समेत तीर्थयात्रा पर गए।

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