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महाराष्ट्र: पुलिस को जबरन वसूली मामले में गिरफ्तार आरोपियों से मिले 200 से ज्यादा दस्तावेज

मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने दावा किया है कि उसने जबरन वसूली के आरोपियों से दो सौ से ज्यादा दस्तावेज और कागजात जब्त किए हैं। इनमें कुछ कागजात महादेव एप मामले से जुड़े भी हैं।

मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने बुधवार को कहा कि उसे जबरन वसूली के लिए गिरफ्तार किए गए लोगों से 200 से ज्यादा दस्तावेज और कागजात मिले हैं। इन दस्तावेजों की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है। आरोपी कथित तौर पर एक रियल एस्टेट डेवलपर से 164 करोड़ रुपये वसूने की कोशिश कर रहे थे।

पुलिस ने पहले बताया था कि जबरन वसूली के मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों रियल एस्टेट डेवलपर को चेतावनी दी थी कि ईडी उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। उन्होंने रियल एस्टेट डेवलपर को जान से मारने की धमकी भी दी थी।

एक अधिकारी ने बताया कि अपराध शाखा ने जांच के दौरान आरोपियों से विभिन्न मामलों से जुड़े 200 से ज्यादा दस्तावेज और कागजात को जब्त किया है। जिनकी जांच ईडी कर रही है। उन्होंने बताया कि आरोपियों से पूछताछ के दौरान यह जानकारी सामने आई।

उन्होंने बताया कि गिरफ्तार लोगों के पास से मिले दस्तावेजों में महादेव सट्टेबाजी एप मामले से जुड़े कागजात भी शामिल हैं। इस मामले में तीस से ज्यादा को लोगों को आरोपी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि बांद्रा पुलिस स्टेशन में पिछले महीने भारतीय दंड संहिता की धारा 386 (व्यक्ति को मौत के डर में डालकर जबरन वसूली) के तहत मामला दर्ज किया गया था। अपराध शाखा इस मामले की जांच कर रही है। अधिकारी ने बताया कि प्राथमिकी में ईडी के एक व्यक्ति का भी नाम शामिल है।

अपराध शाखा के एक अधिकारी ने पहले बताया था कि जबरन वसूली के मामले में मुख्य आरोपी भी एक बिल्डर है। वह शिकायतकर्ता का एक रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में साझेदार भी रह चुका है। शिकायतकर्ता के मुताबिक, वह और आरोपी बिल्डर साझा रूप से मुंबई के बांद्रा इलाके में एक पुरानी हाउसिंग सोसायी की इमारत का पुनर्विकास कर रहे थे। लेकिन, आरोपी का काम संतोषजनक नहीं था। इसलिए, सोसायटी ने शिकायतकर्ता को पूरे परिसर के पुनर्विकास का काम सौंप दिया था।

अधिकारी ने बताया कि शिकायतकर्ता ने बाद में आरोपी का सारा बकाया चुकाया। पिछले महीने शिकायतकर्ता को पता चला कि आरोपी उसके खिलाफ मुंबई पुलिस की अपराध शाखा और ईडी के पास शिकायत दर्ज कराने जा रहा है। मामले को सुलझाने के लिए वह एक कैफे में शिकायतकर्ता से मिला। जहां आरोपी ने कथित तौर पर 164 करोड़ रुपये की मांग की। प्राथमिकी में कहा गया कि उसने शिकायतकर्ता के खिलाफ ईडी की कार्रवाई और उसकी हत्या करने की भी धमकी दी।

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