नई दिल्ली। जहांगीरपुरी में दो समुदायों के बीच हुई हिंसा से जुड़े 15 आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. क्राइम ब्रांच की जांच में पता चला है कि फरार चल रहे इन आरोपियों की हिंसा में बड़ी भूमिका थी. हालांकि ज्यादातर आरोपियों के मोबाइल फोन बंद हैं और इन 15 आरोपियों में से करीब पांच के पश्चिम बंगाल में छिपे होने के संकेत पुलिस को मिले हैं.
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पुलिस इन आरोपियों की तलाश में ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है. पुलिस की जांच में इनके हिंसा में शामिल होने का पता चला है और सीसीटीवी फुटेज में हिंसा के दौरान ये आरोपी साफ तरह से दंगा करते हुए दिखाई दे रहे हैं. मोबाइल से बनाए गए फुटेज में भी इनमें से ज्यादातर आरोपी दिखाई दे रहे हैं.
मोबाइल फोन से लोकेशन का पता लगाया जा रहा
वीडियो फुटेज के बाद इलाके के लोगों से इनके बारे में जानकारी ली जा रही है और इसके साथ ही इनके मोबाइल फोन से लोकेशन का पता लगाया जा रहा है. वीएचपी नेता ने आरोप लगाया कि पुलिस की निष्क्रियता के कारण 16 अप्रैल को हनुमान जयंती जुलूस के दौरान जाहंगिरपुरी में हिंसा हुई.
दिल्ली कोर्ट ने इस मामले को लेकर कहा था कि दिल्ली पुलिस इस जुलूस को रोकने में पूरी तरह नाकाम रही. कोर्ट ने कहा कि इस जुलूस के लिए पुलिस से पूर्व अनुमति नहीं ली गयी थी. इतना ही नहीं स्थानीय प्रशासन की भूमिका की भी इस मामले को लेकर जांच होनी चाहिए. बता दें कि इस मामले की जांच में जुटी पुलिस ने अब तक 33 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. इसके साथ ही तीन नाबालिगों को बाल सुधार गृह भेजा गया है.