नई दिल्ली। यूक्रेन और रूस की जंग के बीच भारत ने संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर अपना तटस्थ रुख जारी रखा है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद रूस-यूक्रेन जंग की एक स्वतंत्र आयोग से जांच कराना चाहता था, जिसे लेकर वोटिंग कराई गई. लेकिन भारत ने वोटिंग से भारत ने खुद को अलग कर लिया है.
यूक्रेन पर रूस के हमले की कड़ी निंदा
इससे पहले रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा में बुधवार को यूक्रेन पर रूस के हमले की कड़ी निंदा करने वाला प्रस्ताव पारित किया गया था.
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इस प्रस्ताव पर 141 देशों ने समर्थन में वोट दिया था, जबकि 5 देशों ने प्रस्ताव के खिलाफ अपना मतदान किया था. यानी ये पांच देश रूस के समर्थन में रहे. इसके अलावा 35 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. इन देशों में भारत भी शामिल रहा था.
इन देशों ने प्रस्ताव के विरोध में दिया था वोट
संयुक्त राष्ट्र महासभा में निंदा प्रस्ताव के खिलाफ पांच देशों ने वोट किया था. रूस के साथ खड़े इन देशों में बेलारूस, डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (नॉर्थ कोरिया), ईस्ट अफ्रीका के देश एरितरेया, रूस और सीरियन अरब रिपब्लिक (सीरिया) शामिल रहे.
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वहीं दूसरी ओर, यूक्रेन पर लगातार हमला कर रहा रूस ये दावा कर रहा है कि वो रिहायशी इलाकों और वहां रहने वाले लोगों को निशाना नहीं बना रहा है, लेकिन उसके हमले में रोजाना कई लोगों की मौत हो रही है. अब यूक्रेन के चेर्नीहीव में रूस के मिसाइल हमले में 47 लोगों की मौत हुई है. जिसमें 38 पुरुष और 9 महिलाएं शामिल हैं.
रिहायशी इलाकों पर रूस की बमबारी
यूक्रेन सरकार की तरफ से लगातार रूसी हमलों को लेकर जानकारी दी जा रही है. इसी के तहत यूक्रेन ने बताया कि, रूस रिहायशी इलाकों को निशाना बना रहा है. 3 मार्च को रूस ने चेर्नीहीव के रिहायशी इलाकों पर बमबारी की, जिसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए, वहीं कई लोग बुरी तरह घायल भी हुए हैं.
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चेर्नीहीव यूक्रेन की राजधानी नॉर्थ कीव में स्थित एक शहर है. जहां 285,000 लोग रहते हैं. अब तक यहां पर रूस के बड़े हमले नहीं हुए थे, लेकिन 3 मार्च को मिसाइलों से इस शहर को टारगेट किया गया. ये हमले रूस के उस दावे की पोल खोल रहे हैं, जिनमें दुनिया को बताया जा रहा है कि वो आम नागरिकों को निशाना नहीं बना रहे हैं.