भूभाग नहीं, शत-शत मानव के ह्दय जीतने का निश्चय
हिन्दू तन-मन, हिन्दू जीवन, रग-रग हिंदू मेरा परिचय….
राजनीति हो या देशभक्ति… इससे पहले एक रिश्ता होता है मानव कर्तव्य का जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बखूबी से निभा रहें हैं। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन से जहां एक तरफ पूरे देश में शोक की लहर है तो वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वह कर दिखाया जो शायद ही कोई बेटा करता हो। जी हां सीएम योगी ने कल्याण सिंह जी का बिल्कुल वैसे ही ध्यान रखा जैसे एक बेटा रखता है। सीएम योगी हर पल हर छड़ कल्याण सिंह जी के साथ रहे।
कल्याण सिंह से लगातार जुड़े रहे सीएम योगी
बता दें कि, जब से पूर्व सीएम कल्याण सिंह जी की तबीयत खराब हुई तबसे सीएम योगी हमेशा से ही उनके साथ रहे पास रहे। उनकी तबीयत जानने वो हमेशा कल्याण सिंह जी से मिलने जाते थे इसके साथ ही उन्होंने इस दौरान प्रदेश का भी काम किया।
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सीएम योगी ने खुद संभाली अंतिम यात्रा की कमान
कल्याण सिंह जी की अंतिम यात्रा की कमान सीएम योगी ने खुद ही संभाली। हर पल हर छड़ वह उस मौके पर मौजूद रहे जहां जरूरी हुआ। उनकी देखरेख में ही अंतिम यात्रा की रूप-रेखा तय की गई। सीएम योगी ने हर उस पल को यादगार बनाने का काम किया जिससे कल्याण सिंह की अंतिम यात्रा को लोग याद कर सके। मुख्यमंत्री की यह कार्यशैली देखकर हर कोई उनका मुरीद हो गया।
योगी आदित्यनाथ ने हर संभव प्रयास किया
कल्याण सिंह जब बीमार पड़े तो उन्हें पीजीआई देखने जाना हो या फिर उनके बेहतर इलाज का इंतजाम करना हो…। योगी आदित्यनाथ ने हर संभव प्रयास किया जिससे उनके इलाज में कोई कमी न रह जाए। पीजीआई जाना हो या फिर उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेना हो वह पूरी ईमानदारी से डटे रहे।
बेहतर इलाज के लिए डॉक्टरों को देते रहे निर्देश
शनिवार की रात जैसे ही यह खबर आई की कल्याण सिंह की हालत नाजुक है मुख्यमंत्री सीएम योगी तुरंत पीजीआई पहुंचे और उनका हालचाल लेकर डॉक्टरों को जरूरी निर्देश दिया। मुख्यमंत्री को फिर जैसे ही कल्याण सिंह के निधन की सूचना मिली वह फिर रात में पीजीआई पहुंचे और कल्याण सिंह जी के निधन की खबर का औपचारिक ऐलान भी सीएम योगी ने ही किया।
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अस्पताल से लेकर घर तक डटे रहे योगी
यहां तक कि, सीएम योगी कल्याण सिंह जी के शव को घर तक पहुंचवाने में तक डटे रहे। वहीं मुख्यमंत्री ने रात में ही कैबिनेट की बैठक कर शोक प्रस्ताव पास करते हुए तीन दिन का शोक घोषित किया।
इतना ही नहीं कल्याण सिंह के परिजनों से लगातार संपर्क में बने रहे। सुबह होते ही कल्याण सिंह के माल एवेन्यू स्थित घर पर पहुंचना हो फिर प्रधानमंत्री की अगुवानी के लिए एयरपोर्ट पर जाना। वह मुस्तैदी के साथ जुटे रहे।
मुख्यमंत्री की कार्यशैली देखकर हर कोई कायल
विधानभवन से लेकर भाजपा कार्यालय और अलीगढ़ तक कल्याण सिंह की शव पहुंचाने तक वह टस से मस तक नहीं हुए। मुख्यमंत्री की यह कार्यशैली देखकर हर कोई कायल हो गया। शोक यात्रा में मुख्यमंत्री की यह बात हर किसी को भा गई।