जालौन। लगातार हो रही बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण जालौन, इटावा, कानपुर और बुंदेलखंड के जिलों में बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है। बाढ़ के कारण बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। जालौन औरैया हाईवे को बंद कर आवागमन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। राहत और बचाव के काम नाकाफी साबित हो रहे हैं।
बाढ़ का कहर, पलायन को मजबूर ग्रामीण
जालौन के रामपुरा में सिंध नदी उफनाने के बाद शुक्रवार को सेना ने बचाव कार्य शुरू किया था। सेना ने कई गांवों में फंसे लोगों को निकाला था। जिले में सिंध, पहुज और यमुना नदियों के उफान मारने से घर, मकान और मवेशी सभी कुछ डूब चुके हैं। ग्रामीण पलायन को मजबूर हैं।
राहत पहुंचाने का काम कर रही है योगी सरकार
यूपी के जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने बाढ़ इलाकों का हवाई सर्वे किया। और अधिकारियों के साथ बैठक की. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, आपदा में लोगों को राहत पहुंचाने का काम योगी सरकार कर रही है। जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों में खाद्य सामग्री पहुंचाई जा रही है। इसके साथ ही जिन ग्रामीणों का नुकसान हुआ है सरकार उनकी मदद करेगी।
जनपद में बनाई गई 20 बाढ़ चौकियां
जिले में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के 166 जवान लगाए गए है. इसके साथ ही जिले में 20 बाढ़ चौकियां बनाई गई गई. वहीं 120 वोट और 35 गोताखोर लगाए गए है।
573 ग्रामीणों को दी गई राहत किट
बाढ़ प्रभावित इलाकों में 573 ग्रामीणों को राहत किट दी गई है। इसके साथ ही 4 हजार से अधिक लोगों को लंच पैकेट बांटा गया है। जल शक्ति मंत्री ने कहा कि, किसी भी ग्रामीण को डरने की जरूरत नहीं है। सरकार सभी की हर संभव मदद करेगी।
औरेया में भी बाढ़ से 22 गांव जलमग्न
बता दें कि, औरैया में यमुना नदी में बाढ़ से सदर और अजीतमल तहसील के 22 गांव जलमग्न हो गए। बाढ़ का पानी घरों की छतों तक पहुंच रहा है। चित्रकूट में यमुना एवं पयस्वनी नदी का जलस्तर बढ़ने से तिरहर क्षेत्र के 15 से अधिक गांवों का आवागमन बंद हो गया है।
इटावा में यमुना और चंबल में आई बाढ़ से 45 गांव प्रभावित
गांव में फंसे लोगों को नाव से बाहर निकाला जा रहा है। इटावा में यमुना और चंबल में आई बाढ़ से 45 गांव प्रभावित हैं। शुक्रवार को चंबल के जलस्तर में एक मीटर और यमुना के जलस्तर में आंशिक कमी होने से थोड़ी राहत मिली है।