नई दिल्ली। भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका इस समय अपनी आजादी के बाद सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है. यहां महंगाई आसमान छू रही है. ऐसे में श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने सोमवार को अपने भाई और वित्त मंत्री बेसिल राजपक्षे को बर्खास्त करने के साथ ही नये वित्त मंत्री की नियुक्ति कर दी है. उनकी जगह अली साबरी को नियुक्त किया गया है जो रविवार रात तक न्याय मंत्री थे.
वहीं जी एल पेरिस को विदेश मंत्री जबकि दिनेश गुणावर्धने को नये शिक्षा मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई. जॉन्सटन फर्नांडिस को नये राजमार्ग मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई. इससे पहले पूर्व विदेश मंत्री बेसिल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से राहत पैकेज हासिल करने के लिए अमेरिका जाने वाले थे. सत्तारूढ़ श्रीलंका पोडुजाना पेरामुना (SLPP) गठबंधन के भीतर नाराजगी का वह केंद्र थे.
लोगों के गुस्से से निपटने का किया है प्रयास
इन नये मंत्रियों की नियुक्तियां राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे द्वारा सभी दलों को एकता सरकार में शामिल होने का न्योता दिये जाने के बाद हुई हैं. उन्होंने यह पेशकश द्वीप देश में चल रहे सबसे खराब आर्थिक संकट के कारण हो रही कठिनाई के खिलाफ लोगों के गुस्से से निपटने के सरकार के प्रयास के तहत की है.
विदेशी मुद्रा संकट और भुगतान संतुलन के मुद्दों से उत्पन्न आर्थिक स्थिति से निपटने में अक्षम रहने के कारण सत्तारूढ़ राजपक्षे परिवार के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन हो रहे हैं.
सड़कों पर उतर आई है जनता
जनता सड़कों पर उतर आई है और राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रही है. वहीं राष्ट्रपति द्वारा आपातकाल लगाने की घोषणा किए जाने के बाद विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर कर्फ्यू लगा दिया गया है.
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प्रदर्शन तेज होने के बाद सरकार ने रविवार को सोशल मीडिया पर 15 घंटे के लिये प्रतिबंध लगा दिया. लोगों ने ईंधन के लिये लग रही लंबी कतारों और लंबे समय तक बिजली गुल रहने के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिये कर्फ्यू की अवहेलना की.
सेंट्रल बैंक के गवर्नर ने भी दिया था इस्तीफा
इन घटनाक्रम के बीच सेंट्रल बैंक के गवर्नर अजित निवार्ड काबराल ने भी अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है. काबराल ने कहा कि सभी कैबिनेट मंत्रियों के इस्तीफा देने के संदर्भ में मैंने गवर्नर के पद से आज इस्तीफा दे दिया है. उन पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) संरचनात्मक समायोजन सुविधा के जरिए श्रीलंका के आर्थिक राहत मांगने पर अड़ियल रुख अपनाने का आरोप लगाया गया था.
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