खजूर एक ऐसा फल है जिसे आप सभी ने जरूर खाया होगा। इस छोटे से फल (Dates) में सेहत से जुड़े कई फायदे छिपे हैं जिनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। इसमें ऐसे कई पोषक तत्व हैं जो हमारी सेहत को दुरुस्त रखने में मदद करते हैं। आइए जानें खजूर खाने से आपकी सेहत को क्या-क्या फायदे (Benefits of Dates) मिल सकते हैं।
स्वाद के कारण खजूर सभी को खूब पसंद आते हैं। छोटे आकार के ये फल कई रंगों में नजर आते हैं, जैसे लाल, पीला, भूरा आदि। कई लोग इसे सुखाकर भी खाना पसंद करते हैं, जिसे हम छुआरे के नाम से जानते हैं। क्या आप जानते हैं कि खजूर आपकी सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। जी हां, खजूर में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए लाभदायक होते हैं। इस आर्टिकल में हम खजूर के इन्हीं फायदों के बारे में जानेंगे।
पाचन के लिए फायदेमंद
खजूर में काफी मात्रा में फाइबर पाया जाता है। फाइबर खाने को आंतों से आसानी से पास होने में मदद करता है, जिससे कब्ज या बद जैसी समस्या नहीं होती और अगर पहले से ऐसी कोई परेशानी है भी, तो वह दूर हो जाती है। यानी खजूर खाने से पाचन दुरुस्त रहता है और कोलोन से जुड़ी कई बीमारियां भी दूर रहती हैं। इतना ही नहीं, यह आंतों में मौजूद माइक्रोबायोम को भी बढ़ावा देता है।
दिमाग के लिए फायदेमंद
खजूर में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो शरीर में होने वाली सूजन को कम करते हैं। इससे दिमाग में होने वाली इंफ्लेमेशन भी कम होती है। इससे अल्जाइमर का खतरा कम होता है और याददाश्त भी मजबूत होती है। इसलिए दिमाग को स्वस्थ और तेज रखने के लिए खजूर खाना फायदेमंद होता है।
ब्लड शुगर कंट्रोल करता है
खजूर में नेचुरल स्वीटनर्स मौजूद होते हैं, इसलिए यह स्वाद में मीठा होता है, लेकिन यह सेहत के लिए हानिकारक नहीं होता। इसमें मौजूद फाइबर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। दरअसल, फाइबर धीरे-धीरे ब्लड में शुगर रिलीज करता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल अचानक से नहीं बढ़ता।
त्वचा के लिए फायदेमंद
खजूर में एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइटोहार्मोन्स पाए जाते हैं, जो त्वचा के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। इनसे एजिंग के लक्षण कम होते हैं और त्वचा लंबे समय तक जवां नजर आती है। साथ ही, इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा को ऑक्सीडेटिव डैमेज से भी बचाते हैं।
लेबर पेन में मदद करता है
खजूर खाने से प्रेग्नेंसी में लेबर इंड्यूस करने में मदद मिलती है। यह ऑक्सीटॉसीन के रिसेप्टर्स को एक्टिव करता है, जिससे कॉन्ट्रैक्शन शुरू होते हैं और साथ ही लेबर की अवधि भी कम होती है।