केंद्र ने सभी राज्यों से घरेलू पक्षियों और कुक्कुटों की असामान्य मृत्यु के प्रति सतर्क रहने और पशुपालन विभाग के साथ तत्काल सूचना साझा करने को कहा है, ताकि एवियन इन्फ्लूएंजा के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना के अनुसार कदम उठाये जा सकें। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) और पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा 25 मई को जारी एक एडवाइजरी में कहा गया है कि 2024 तक चार राज्यों – आंध्र प्रदेश (नेल्लोर), महाराष्ट्र (नागपुर), केरल (अलाप्पुझा, कोट्टायम और पथानामथिट्टा जिलों) और झारखंड (रांची) में कुक्कुट (पोल्ट्री) में एवियन इन्फ्लूएंजा के प्रकोप की सूचना पहले ही मिल चुकी है।
एडवाइजरी में कहा गया है, ‘‘यह देखते हुए कि एवियन इन्फ्लूएंजा (एच5एन1) का संक्रमण अत्यधिक खतरनाक है और इसके मनुष्यों में फैलने की क्षमता अधिक है, इसलिए इस संक्रमण के प्रसार को कम करने और रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय करना अनिवार्य है।” इसमें कहा गया है कि एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (बर्ड फ्लू वायरस) आमतौर पर मुख्य रूप से प्रवासी पक्षियों के बीच फैलता है। एच5एन1 मुख्य एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस है। भारत में कुक्कुट पक्षियों में एवियन इन्फ्लूएंजा के प्रकोप की रिपोर्ट 2006 से मिल रही है और पशुपालन एवं स्वास्थ्य विभाग (आईडीएसपी, एनसीडीसी) द्वारा संयुक्त रूप से इसकी जांच की जा रही है।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि वे सभी स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों/निजी चिकित्सकों को एवियन इन्फ्लूएंजा के मामलों के लक्षणों के बारे में जानकारी दें। संयुक्त परामर्श में कहा गया है, ‘‘यदि आपके राज्य में पक्षियों में एवियन इन्फ्लूएंजा की पुष्टि होती है तो इसके किसी भी संदिग्ध मामले से निपटने के लिए अस्पतालों में पृथक वार्ड/बिस्तर की आवश्यकता हो सकती है।” जिन राज्यों में एवियन इन्फ्लूएंजा का अधिक प्रकोप है, वहां संयुक्त परामर्श में कुछ अतिरिक्त उपाय करने को कहा गया है।