मैसर्स गंगोत्री इंटरप्राइजेज लिमिटेड की तरफ से गोरखपुर आईडीबीआई बैंक से 115.36 करोड़ रुपये का ऋण लिया गया था। साथ ही 101.07 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी दी गई। दोनों रकम 216.43 करोड़ रुपये बनती है। आईडीबीआई बैंक लिमिटेड की तरफ से ऋण वसूली के प्रयास भी किए गए, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी।
चिल्लूपार के पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की ईडी द्वारा जब्त की गई 72.08 करोड़ रुपये की संपत्ति में से गोरखपुर के लच्छीपुर में स्थित करीब ढाई एकड़ संपत्ति भी शामिल है। यह संपत्ति करीब 25 करोड़ के बकाये के एवज में जब्त की गई है।
दरअसल, बैंक से कर्ज लेकर हड़पने के मामले में चार साल पहले ही वसूली की प्रक्रिया चल रही है। तब बैंक ने डेबिट रिकवरी ट्रिब्यूनल (डीआरटी) का दरवाजा खटखटाया, फिर 25,75,22,744 रुपये (25 करोड़ 75 लाख 22 हजार 744 रुपये) के एक मामले में 19 जून 2019 को सम्मन जारी करके नीलामी की तारीख तय कर दी गई।
इस मामले में बैंक से 13,42, 88, 800 रुपये ऋण लिया गया था। लेकिन, बाद में प्रक्रिया पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी की खराब सेहत की वजह से सुस्त पड़ गई और नीलामी नहीं हो पाई। फिर इस पूरे प्रकरण की जांच ईडी ने शुरू कर दी, जिसके बाद जब्ती की कार्रवाई की गई है।
बताया जाता है कि मैसर्स गंगोत्री इंटरप्राइजेज लिमिटेड की तरफ से गोरखपुर आईडीबीआई बैंक से 115.36 करोड़ रुपये का ऋण लिया गया था। साथ ही 101.07 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी दी गई। दोनों रकम 216.43 करोड़ रुपये बनती है। आईडीबीआई बैंक लिमिटेड की तरफ से ऋण वसूली के प्रयास भी किए गए, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। 10 जून 2011 को मैसर्स गंगोत्री इंटरप्राइजेज लिमिटेड की तरफ से 20 करोड़ रुपये का एक बैंक खाता बंद करा दिया गया।
नीलामी के लिए दस जुलाई 2019 को आईडीबीआई बैंक लिमिटेड की तरफ से समन जारी किया गया। बैंक ऋण के एक मामले में 1 जून 2019 तक 25,75,22744 रुपये (25 करोड़ 75 लाख 22 हजार 744 रुपये) की देनदारी बनी।
इसे वसूलने के लिए सदर तहसील के लच्छीपुर गांव स्थित प्लाट नंबर 183, खाता नंबर 2777 की 0.290 हेक्टेयर और 0.871 हेक्टेयर भूमि की नीलामी होनी थी। लेकिन, नीलामी की प्रक्रिया नहीं हो पाई। अब चार साल बाद शुक्रवार को ईडी ने कार्रवाई कर दी।