Friday , January 10 2025

मांझी ने बिहार में शराबबंदी कानून की समीक्षा की मांग की, उन्होंने कहा..

बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने शराबबंदी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ऐसा सुझाव दिया है, जिसपर सियासी महकमे में चर्चा शुरू हो गई है। हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख मांझी ने कहा कि शराबंबदी की वजह से बिहार की जेलें भरी हुई हैं, इसपर समीक्षा करनी चाहिए। साथ ही एक क्वार्टर (पौआ) शराब पीने वालों को नहीं पकड़ना चाहिए। मांझी का ये बयान बिहार में शराब के उपभोग को रोकने के लिए नीतीश सरकार द्वारा अपनी रणनीति में बदलाव करने के बाद आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक जीतनराम मांझी ने मंगलवार को दिल्ली में मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने शराबबंदी पर खुलकर अपने विचार रखे। मांझी ने कहा कि वे शराबबंदी के पक्ष में हैं लेकिन शर्त है कि इसे सही से लागू की जाए। अभी आलम ये है कि शराब पीने के आरोप में गरीब लोग जेल में बंद हैं और बड़े-बड़े तस्कर आराम से घूम रहे हैं। बिहार हो या गुजरात, हालात एक जैसे हैं। मांझी ने बिहार में शराबबंदी कानून की समीक्षा की मांग की। उन्होंने कहा कि पुलिस ब्रेथ एनेलाइजर से लोगों की चेकिंग करती है। ये मशीन कभी गलत भी बताती है। जेलों में 70 फीसदी लोग ऐसे बंद हैं, जो सिर्फ आधा लीटर या ढाई सौ ग्राम शराब पीते हुए पकड़े गए। यह ठीक नहीं है। जो लोग सवा सौ या ढाई सौ ग्राम (एक क्वार्टर) शराब पीते हैं, उन्हें नहीं पकड़ना चाहिए। नीतीश बोले- शराब बेचने वालों पर लगाम लगे दो दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे शराबियों को पकड़ने के बजाय शराब तस्करों और बेचने वालों पर नकेल कसें। हालांकि इसका मतलब ये नहीं है कि शराब पीने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी। सरकार ने साफ किया कि शराबबंदी कानून में फिलहाल कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है।

Check Also

आजादी के 76 साल बाद भी इस गांव तक नहीं पहुंची बिजली, लालटेन युग में जीने मजबूर लोग

Electricity Not Reached This UP Village After 76 Years of Independence: उत्तर प्रदेश के चंदौली …