नई दिल्ली। मोदी सरकार ने कोरोना टीकाकरण को लेकर बड़ा कदम उठाया है. अब 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन की प्रीकॉशन डोज दी जाएगी. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि, जिनकी आयु 18 वर्ष है और उन्होंने दूसरी खुराक लेने के 9 महीने पूरे कर लिए हैं, वे निजी टीकाकरण केंद्रों पर एहतियाती खुराक के लिए पात्र होंगे.
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इससे पहले स्वास्थ्य देखभाल और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों सहित 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को एहतियाती खुराक दी जा रही थी. बता दें कि देशभर में टीकाकरण अभियान पिछले साल 16 जनवरी को शुरू किया गया था, जिसमें पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया गया था.
अब तक 185,38 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं
अग्रिम मोर्चे के कर्मियों का टीकाकरण पिछले साल दो फरवरी से शुरू हुआ था. देशव्यापी कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक 185,38 करोड़ खुराकें दी जा चुकी है.
देश में 15 साल से ज्यादा उम्र की आबादी में से लगभग 96 फीसदी को कम से कम एक वैक्सीन लग चुकी है, जबकि लगभग 83 फीसदी लोगों ने दोनों डोज ले ली है. हेल्थकेयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60+ एज ग्रुप को 2.4 करोड़ से अधिक बूस्टर डोज भी दी गई है. 12 से 14 वर्ष आयु वर्ग के 45% लोगों ने भी पहली डोज ले ली है.
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सोमवार, 14 मार्च को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने घोषणा की थी कि, 60+ आयु वर्ग के सभी लोगों को अब एहतियाती खुराक मिल सकेगी. स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी घोषणा की थी कि 12-14 वर्ष की आयु के बच्चों को 16 मार्च से कोरोना वायरस का टीका लगना शुरू हो जाएगा.
क्या है एहतियाती खुराक?
एहतियाती खुराक उसी टीके की तीसरी खुराक है जिसे SARS-CoV-2 संक्रमण के खिलाफ दिया जाएगा. तीसरी खुराक की आवश्यकता दुनियाभर में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट के आने के साथ महसूस की गई.