नई दिल्ली। पंजाब के बाद अब मणिपुर में भी विधानसभा चुनाव की तारीख बदलने की मांग की गई है. ऑल मणिपुर क्रिश्चियन ऑर्गनाइजेशन ने चुनाव आयोग से 27 फरवरी को होने वाले पहले चरण के विधानसभा चुनाव को फिर से कराने का आग्रह किया, क्योंकि रविवार का दिन समुदाय का प्रार्थना का दिन होता है.
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ईसाईयों की धार्मिक भावना के प्रति एकजुटता दिखाए EC
अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए, एएमसीओ ने चुनाव आयोग से रविवार के अलावा सप्ताह के किसी भी दिन पहले चरण का मतदान कराने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि, हम चुनाव आयोग से ईसाईयों की धार्मिक भावना के प्रति एकजुटता और सम्मान दिखाने के लिए पहले चरण के मतदान की तारीख को फिर से निर्धारित करने की अपील करते हैं.
मणिपुर में दो चरणों में होना है मतदान
मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरणों में 27 फरवरी और 3 मार्च को मतदान होगा. मतों की गिनती 10 मार्च को होगी. एएमसीओ ने कहा कि अगर रविवार (27 फरवरी) को पहले चरण का मतदान हुआ, तो इससे ईसाइयों की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचेगी.
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लोगों के सार्वभौमिक मताधिकार का अधिकार छीन सकता है
बयान में कहा गया है, इसके अलावा, एएमसीओ इस बात से आशंकित है कि बड़ी संख्या में मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने से परहेज कर सकते हैं, क्योंकि मतदान का दिन रविवार को पड़ता है, जिससे जानबूझकर लोगों के सार्वभौमिक मताधिकार का अधिकार छीन जाएगा.
मणिपुर में ईसाई आबादी 41.29 फीसदी
मणिपुर के 30 लाख लोगों में ईसाई आबादी 41.29 फीसदी है, जिसमें से 41.39 फीसदी हिंदू और 8.40 फीसदी मुस्लिम समुदाय से हैं.
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