यूपी के कानपुर के बाद अब लखनऊ में भी जीका वायरस अपने पांव पसारने लगा है। राजधानी लखनऊ में इस वायरस के दो मामले सामने आए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार में चिकित्सा और स्वास्थ्य महानिदेशक, वेद व्रत सिंह ने बताया कि लखनऊ के हुसैनगंज और एलडीए कॉलोनी इलाकों में एक-एक जीका वायरस के केस सामने आए हैं। लखनऊ में वेक्टर जनित रोग नियंत्रण के आधिकारिक प्रभारी, के.पी. त्रिपाठी ने कहा, “दोनों मरीज अभी स्थिर हैं और उनमें कोई लक्षण नहीं है। हमने करीबी संपर्को के नमूने लिए हैं और उनके घरों के आसपास फॉगिंग और एंटी-लार्वा स्प्रे करवाए हैं, इससे ज्यादा नमूने लिए जाएंगे।
इससे पहले कानपुर के चकेरी क्षेत्र में जीका के 15 नए संक्रमित और मिले हैं। एक ही क्षेत्र में अब तक 123 जीका मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग के अफसरों में बेचैनी पैदा हो गई है। वहीं 37 मरीज निगेटिव हो गए हैं। एक्टिव केस अब 86 हैं। 15 जीका संक्रमितों की सूची शनिवार को जारी की गई। चकेरी क्षेत्र के 12 मोहल्लों को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। अभी सैंपलिंग और सोर्स रिडक्शन का कार्य इसी क्षेत्र में चल रहा है। सीएमओ डॉ. नेपाल सिंह ने अधिकारियों के साथ बैठक कर जरूरत पड़ने पर टीमों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही सैंपलिंग की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। संक्रमित मिलने के बाद सीएमओ ने चकेरी क्षेत्र में सोर्स रिडक्शन में लगीं टीमों के प्रभारियों के साथ बैठक की। सैंपलिंग का दायरा बढ़ाने के निर्देश दिए। गर्भवती महिलाओं की स्थिति पर भी नजर रखी जा रही है।
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री, जय प्रताप सिंह ने कहा कि जीका वायरस के प्रसार को रोकने के लिए तेजी से कार्रवाई की गई है, इसके फैलने का प्रमुख कारण कानपुर चकेरी एयरबेस कैंप में पाया गया पहला मामला है। प्रभावित व्यक्तियों के संपर्क में आने वाले लोगों का भी वायरस पॉजिटिव आया है। अब सर्विलांस के जरिए संवेदनशील समूहों की जांच कर पहचान की जा रही है। मुख्य रूप से एडीज इजिप्टी मच्छर द्वारा प्रेषित वायरस के कारण होने वाली एक वेक्टर जनित बीमारी, जीका वायरस के लक्षणों में हल्का बुखार, चकत्ते, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, अस्वस्थता या सिरदर्द शामिल हैं।