Sarva Pitri Amavasya 2021: पितृ पक्ष अब समाप्त होने वाला है. हिंदी पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष हर साल अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है जो कि अमावस्या को समाप्त होता है.
कन्या राशि में चतुर्ग्रही योग बन रहा
आश्विन मास की अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या का श्राद्ध किया जाता है. यह श्राद्ध 6 अक्टूबर 2021 को किया जायेगा. सर्वपितृ अमावस्या के दिन कन्या राशि में चतुर्ग्रही योग बन रहा है.
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और बढ़ गया सर्व पितृ अमावस्या की श्राद्ध का महत्व
इसके अलावा इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ कुमार योग, गजछाया योग और चतुर्ग्रही योग भी बन रहा है. ऐसे में इस दिन की जानें वाली सर्व पितृ अमावस्या की श्राद्ध का महत्व और बढ़ गया है. सर्वपितृ अमावस्या को मोक्षदायिनी अमावस्या भी कहा जाता है.
100 साल बाद कौन सा संयोग बन रहा है?
हिंदी पंचांग के अनुसार, सर्वपितृ अमावस्या तिथि 5 अक्टूबर को शाम 7:05 बजे से प्रारंभ होगी, जोकि 6 अक्टूबर को शाम 4:35 बजे तक रहेगी. गजछाया योग 6 अक्टूबर 2021 को सूर्योदय से सांय 4:35 बजे तक विशेष रूप से रहेगा.
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इसके अलावा इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग भी रहेगा. गणनाओं के अनुसार, 100 साल बाद सर्वार्थसिद्धि योग में अमावस्या रहेगी.
6 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या के दिन गजछाया योग
पंचांग के अनुसार, 6 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या के दिन गजछाया योग, सर्वार्थसिद्धि योग, चतुर्ग्रही योग सहित अन्य योग संयोगों में मनाई जाएगी.
पितरों को तर्पण करना श्रेष्ठ फलदायी होता है
धार्मिक मान्यता है कि, इस दिन श्राद्ध निकालने से पितरों का आशीर्वाद मिलने के साथ ही प्रगति और वैभव की विशेष वृद्धि होगी. ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि, इस विशिष्ट संयोग में पितरों को तर्पण करना श्रेष्ठ फलदायी होता है.