गोरखपुर। युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 52वीं व राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की 7वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में साप्ताहिक श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान शामिल हुए।
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्मृति पार्क में ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 12.5 फुट लंबी आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया। और इसके बाद जनसभा को संबोधित किया
महंत दिग्विजय नाथ की समाधि पर मत्था टेका
बतादें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने गोरखपुर दौरे पर हैं। गोरक्षनाथ मंदिर पहुंचते ही सीएम योगी ने सबसे पहले गुरु गोरक्षनाथ का दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया।
UP: महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद का वीडियो, खड़े हुए कई तरह के सवाल ?
इसके साथ ही उन्होंने अपने गुरु महंत अवेद्यनाथ ब्रह्मलीन और महंत दिग्विजय नाथ की समाधि पर मत्था टेका। इसके बाद मुख्यमंत्री यहां ब्रह्मलीन महंथ दिग्विजय नाथ की 52वीं पुण्यतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए।
गोरक्षा, संस्कृति की रक्षा के लिए आगे आएं- सीएम
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी धार्मिक संस्थाओं से आह्वान किया है कि वे गोरक्षा, संस्कृत व संस्कृति की रक्षा के लिए आगे आएं।
पंजाब : चीफ सेक्रेटरी विनी महाजन को हटाया, IAS अनिरुध तिवारी को दिया गया पद
मुख्यमंत्री ने कहा कि, इसमें सरकार पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने भारत और भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए हर भारतीय को तैयार रहने का भी संदेश दिया।
संस्कृति को प्रोत्साहन हमारे आश्रमों को देना होगा- सीएम
सीएम योगी ने कहा कि हर धार्मिक पीठ संस्कृत विद्यालय खोले, सरकार इसमें हर स्तर पर सहयोग करेगी। संस्कृत और संस्कृति को प्रोत्साहन हमारे आश्रमों को देना होगा।
पंजाब : चीफ सेक्रेटरी विनी महाजन को हटाया, IAS अनिरुध तिवारी को दिया गया पद
संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए योग्यता के आधार पर शिक्षकों का चयन करना होगा। अयोग्य व्यक्ति संस्था को नष्ट कर देगा। ऐसे में योग्य को तराशने की जिम्मेदारी धर्माचार्यों व आश्रमों को लेनी होगी। इससे संस्कृत, संस्कृति की रक्षा के साथ गोरक्षा भी होगी।
तीन व्यवस्थाओं पर कार्य कर रही सरकार- सीएम
- मुख्यमंत्री ने बताया कि, गोरक्षा के लिए सरकार तीन व्यवस्थाओं पर कार्य कर रही है। पहला निराश्रित गोवंश के लिए आश्रय स्थल बनाए गए हैं जहां वर्तमान में छह लाख गोवंश संरक्षित हैं।
- दूसरा सहभागिता योजना के तहत यदि कोई व्यक्ति आश्रय स्थलों से चार गोवंश लेकर उन्हें पालता है तो प्रति गोवंश के लिए सरकार उसे प्रतिमाह 900 रुपये देती है। जबकि गाय का दूध व अन्य सभी उत्पाद उसी व्यक्ति के हिस्से में आता है।
- तीसरी व्यवस्था कुपोषित महिलाओं व बच्चों के लिए की गई है। इसमें भी संबंधित परिवार को एक गाय व उसके पालन के लुई प्रतिमाह 900 रुपये दिए जा रहे हैं।
यूपी में नियंत्रण में कोरोना : महज 6 जिलों में मिले 11 नए मरीज, 69 जिलों में शून्य केस
सीएम ने इस बात का उल्लेख करते हुए कहा कि, एक भी धार्मिक संस्था ने सरकार से गाय नहीं ली है। हमें यह समझना होगा कि धर्म की रक्षा तभी होगी जब हम उसके मूल और मूल्यों को जानेंगे। गोरक्षा भाषणों से नहीं बल्कि श्रद्धा और व्यवस्था से जोड़ने से होगी।