बिहार। दीपावली के मौके पर कई घरों में जहरीली शराब से अंधेरा छा गया है। यहां तीन दिनों में 24 की मौत और कई लोगों की आंखों की रोशनी गायब हो गई।
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अब तक 24 लोगों ने तोड़ा दम
शराब बंदी के बावजूद बिहार में जहरीली शराब पीने से 24 लोगों की मौत हो गई है। जिनमें 16 गोपालगंज में और 8 पश्चिम चंपारण के बेतिया जिले में हैं।
कुशर और तुहरा टोला में 10 लोगों की मौत की पुष्टि
वही गोपालगंज के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के तीन गांवों मोहम्मदपुर, कुशर और तुहरा टोला में 10 लोगों की मौत की पुष्टि की।
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जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने कहा, हम लाउडस्पीकर के माध्यम से घोषणा कर रहे हैं कि जिन्होंने भी शराब का सेवन किया तो वे आगे आएं,समय पर इलाज से लोगों की जान बचाई जा सकती है। इधर, बेतिया में जिला प्रशासन ने जहरीली शराब के सेवन से 8 लोगों की मौत की पुष्टि की है।
जहरीली शराब ने छीन ली आंखों की रोशनी
रिपोर्ट के अनुसार, अभी भी कई ऐसे लोग अस्पताल में और दूसरी जगहों पर चोरी छिपे इलाज करवा रहे हैं. जिन्होंने जहरीली शराब का सेवन किया है. वहीं कई लोग जहरीली शराब पीकर अपने आंखों की रोशनी गंवा चुके हैं.
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स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार नवादा, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सिवान और रोहतास जिलों में कई लोगों के आंखों के रोशनी जा चुकी है.
पुलिस कर रही मामले की जांच
बता दें कि, डॉक्टर ने मामले में बीमार लोगों के स्प्रिट पीने की पुष्टि कर दी है, लेकिन पुलिस-प्रशासन फिलहाल जहरीली शराब से मौत की पुष्टि नहीं कर रहा है। पुलिस का रटा-रटाया जवाब है कि जांच व पोस्टमार्स्टम के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।
विपक्ष नीतीश सरकार पर हमलावर
बिहार में अवैध शराब पीने से हुई सामूहिक मौतों के बाद, विपक्षी राजद ने नीतीश कुमार सरकार पर तीखा हमला किया।विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा, ‘नीतीश कुमार सरकार मौतों की संख्या छिपा रही है।
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हमारी जानकारी के अनुसार, एक सप्ताह पहले गोपालगंज में 20, बेतिया में 13 और मुजफ्फरपुर जिले में 10 लोगों की मौत हो गई थी। जिला प्रशासन तथ्यों को छिपाने के लिए बिना किसी पोस्टमॉर्टम के शवों का अंतिम संस्कार कर रहा है।
उपचुनाव के दौरान बांटी गई शराब
उन्होंने आगे कहा, ‘उपचुनाव के दौरान जदयू नेताओं ने नीतीश कुमार की मिलीभगत से मतदाताओं को शराब बांटी थी,यह अन्य जिलों में भी पहुंच गई।
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इसलिए नकली शराब के सेवन से होने वाली सामूहिक मौतों के लिए नीतीश कुमार सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं।वह बिहार में शराबबंदी का दावा कर रहे हैं, जो पूरी तरह से विफल हो गया है।
तेजस्वी ने कहा, शराब माफिया राज्य में 20,000 करोड़ रुपये की समानांतर अर्थव्यवस्था चला रहे हैं। नीतीश कुमार इसके सरगना हैं, उन्हें राज्य के लोगों के सामने स्पष्ट करना चाहिए।
2021 में जहरीली शराब ने ली 93 की जान
बिहार में अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है, लेकिन यहां जहरीली शराब से मौत का सिलसिला लगातार जारी है। साल 2021 में अब तक 15 अलग-अलग घटनाओं में जहरीली शराब से करीब 93 लोगों की मौत हो चुकी है। यही रफ्तार रही तो इस साल यह आंकड़ा सौ पार कर ले तो आश्चर्य नहीं।
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शराबबंदी के बाद अब तक राज्य में 128 लोगों की मौत
खास बात यह भी है कि शराबबंदी के बाद अभी तक राज्य में करीब 128 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हो चुकी है। सर्वाधिक मौतें साल 2021 में ही हुई हैं।