Naresh Meena Profile: चुनाव ड्यूटी पर तैनात SDM को निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने थप्पड़ मारकर जो बवाल खड़ा किया है, वह बढ़ता जा रहा है। आखिर ऑन ड्यूटी अफसर के साथ ऐसी हरकत करने वाला नरेश मीणा कौन है? उसका बैकग्राउंड क्या है, आइए जानते हैं…
Who is Naresh Meena: राजस्थान के टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा आज सुर्खियों में छाए हुए हैं। क्योंकि उन्होंने पोलिंग बूथ के बाहर तैनात मालपुरा के SDM अमित चौधरी को जोरदार थप्पड़ मार दिया। इस थप्पड़कांड के बाद टोंक में हिंसा-तोड़ फोड़ और आगजनी हुई। प्रशासनिक अधिकारी वर्ग भी इस कांड से खफा है और आरोपी नरेश मीणा की गिरफ्तारी पर अड़ा है।
वहीं नरेश मीणा के समर्थक लाठी-डंडे लेकर गांव समरावता में जुटे, क्योंकि पुलिस नरेश मीणा को गिरफ्तार करने पहुंची थी, क्योंकि उन्होंने ऑन ड्यूटी अफसर को थप्पड़ मारा था, लेकिन जब उनके समर्थकों को रोकने की कोशिश की गई तो बवाल हुआ। मीणा के समर्थकों ने तोड़-फोड़ और आगजनी की। आखिर ये नरेश मीणा कौन है? जिसने सरकारी अफसर को थप्पड़ मारने की हिम्मत की और इतना बवाल करा दिया, आइए जानते हैं…
कांग्रेस से निष्कासित नरेश मीणा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नरेश मीणा राजस्थान के ही बारां जिले के छबड़ा गांव के रहने वाले हैं। नरेश मीणा ने राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 छपड़ा से निर्दलीय लड़ा था, लेकिन इसके लिए उन्होंने कांग्रेस से बगावत की थी। इसलिए कांग्रेस ने उन्हें निष्कासित कर दिया। इसके बाद उन्होंने दौसा सीट से लोकसभा चुनाव 2024 लड़ने का ऐलान किया। इसके चलते मार्च 2024 में कांग्रेस ने उसे वापस अपना बना लिया।
अब वो विधानसभा उपचुनाव का टिकट मांग रहा था, लेकिन कांग्रेस से टिकट नहीं मिला तो उसने देवली-उनियारा से निर्दलीय नामांकन भर दिया। कांग्रेस ने देवली उनियारा सीट से केसी मीणा को चुनावी रण में उतारा। नरेश मीणा फिर बगावती हुए तो कांग्रेस ने नरेश मीणा को निलंबित कर दिया। नरेश पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया, लेकिन 2 बार निष्कासन से सुर्खियों में नहीं आने वाले नरेश मीणा थप्पड़ मारकर विवादों में घिर गए।
किरोड़ी लाल मीणा के शागिर्द रहे नरेश
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नरेश मीणा ने साल 2003 में राजनीतिक करियर शुरू किया था। उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी में छात्र संघ के महासचिव का चुनाव जीता था। इस बीच नरेश मीणा की मुलाकात किरोड़ी लाल मीणा से हुई और वे उनके शागिर्द बन गए। किरोड़ी लाल के समर्थक उसे छोटा किरोड़ी कहने लगे थे, क्योंकि नरेश सामाजिक आंदोलनों में किरोड़ी लाल के साथ कदम से कदम मिलाकर खड़े नजर आते थे।
साल 2017 में नरेश मीणा ने किरोड़ी लाल मीणा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का ऐसा उदाहरण दिया कि सब देखते रह गए। उसने एक रैली में अपने अंगूठे में कट लगाकर खून से करोड़ी लाल मीणा का तिलक करके देश को चौंका दिया था, लेकिन इसके बाद दोनों के बीच टकराव हुआ। वैचारिक मतभेद के कारण दोनों की राहें अलग-अलग हो गईं, क्योंकि नरेश कांग्रेस के समर्थक थे और किरोड़ी लाल मीणा भाजपा की विचारधारा से प्रभावित थे।