Vrischika Sankranti: वृश्चिक संक्रांति के दिन सूर्य देव की उपासना करने से आत्मविश्वास बढ़ता है। साथ ही मान-सम्मान, धन-संपत्ति, करियर और कारोबार में वृद्धि होती है। हालांकि इस बार वृश्चिक संक्रांति की तिथि को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है। चलिए जानते हैं साल 2024 में 16 नवंबर या 17 नवंबर, किस दिन वृश्चिक संक्रांति मनाई जाएगी।
Vrischika Sankranti 2024: ज्योतिष शास्त्र में आत्मा के कारक ग्रह सूर्य का विशेष महत्व है, जो किसी भी राशि में करीब 30 दिन तक विराजमान रहते हैं। जिस तिथि पर सूर्य देव राशि परिवर्तन करते हैं, उस दिन संक्रांति मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो लोग संक्रांति तिथि पर सूर्य देव की पूजा करते हैं, समाज में उनका नाम होता है। साथ ही भाग्य मजबूत होता है, जिसकी वजह से हर काम में सफलता मिलती है।
सूर्य देव की पूजा करने के साथ-साथ संक्रांति तिथि पर किसी पवित्र नदी में स्नान और दान करने से भी पुण्य मिलता है। नवंबर माह में सूर्य देव वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे, जिसे वृश्चिक संक्रांति कहा जाएगा। चलिए जानते हैं वृश्चिक संक्रांति की सही तिथि, योग और सूर्य देव की पूजा करने के शुभ मुहूर्त के बारे में।
2024 में वृश्चिक संक्रांति कब है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, आत्मा के कारक ग्रह सूर्य नवंबर माह में कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन राशि परिवर्तन करेंगे। 16 नवंबर 2024 को सुबह 07 बजकर 41 मिनट पर सूर्य देव तुला राशि में से निकलकर वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे। जहां पर वह 15 दिसंबर 2024 तक मौजूद रहेंगे। हालांकि इस बीच सूर्य दो बार नक्षत्र परिवर्तन करेंगे। सबसे पहले 19 नवंबर 2024 को सूर्य अनुराधा नक्षत्र में गोचर करेंगे, जिसके बाद 2 दिसंबर 2024 को आत्मा के कारक ग्रह ज्येष्ठा नक्षत्र में गोचर करेंगे। सूर्य देव 16 नवंबर 2024 को राशि परिवर्तन कर रहे हैं। इसलिए इस साल 16 नवंबर को वृश्चिक संक्रांति मनाई जाएगाी।
वृश्चिक संक्रांति के शुभ मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:44 से लेकर दोपहर 12:27 तक
- अमृत काल- शाम में 05:18 से लेकर 06:44 तक
- ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: काल में 05:13 से लेकर 06:01 तक
- पुण्य काल- प्रात: काल 06:45 से लेकर सुबह 07:41 तक
- राहु काल- सुबह में 9:27 से लेकर 10:46 तक
वृश्चिक संक्रांति के शुभ योग
वैदिक पंचांग के अनुसार, साल 2024 में वृश्चिक संक्रांति के दिन दुर्लभ शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इसी के साथ परिघ योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है।