TISS Report On Mumbai Population: महाराष्ट्र में चुनाव के बीच आबादी को लेकर सामने आई टाटा सोशल साइंस की रिपोर्ट से नया सियासी बवाल हो गया है। रिपोर्ट में 2051 में मुंबई की आबादी को लेकर कई दावे किए गए हैं।
Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र में कुछ ही दिनों में विधानसभा चुनाव को लेकर वोटिंग होनी है। इस बीच टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस की एक रिपोर्ट ने प्रदेश में खलबली मचा दी है। रिपोर्ट के अनुसार मुंबई में बांग्लादेश और रोहिंग्याओं की आबादी तेजी से बढ़ रही हैं, इससे शहर का सामाजिक और आर्थिक तानाबाना प्रभावित हो सकता है। इतना ही रिपोर्ट के अनुसार मुंबई में 2051 तक हिंदुओं की आबादी 51 प्रतिशत तक घट जाएगी।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार टाटा सोशल साइंस की रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ राजनीतिक पार्टियां वोट बैंक की राजनीति के लिए अवैध प्रवासियों का इस्तेमाल कर रही है। अवैध प्रवासी फेक वोटर आईडी कार्ड भी बनवा ले रहे हैं। ऐसे में चुनाव के बीच ऐसी रिपोर्ट से बीजेपी महाविकास अघाड़ी गठबंधन पर हमलावर हो सकती है।
1961 की तुलना में 2011 में घ्ट ई हिंदू आबादी
रिपेार्ट में दावा किया गया है कि मुंबई में बांग्लादेश और म्यांमार से आने वाले अवैध प्रवासियो के कारण आबादी लगातार बढ़ रही है। 1961 में मुंबई में हिंदू आबादी 88 प्रतिशत थी जो 2011 में घटकर 66 प्रतिशत रह गई। जबकि इसी अवधि में मुस्लिम आबादी 8 प्रतिशत थी जो 2011 में बढ़कर 21 प्रतिशत हो गई। रिपोर्ट के अनुसार 2051 तक राजधानी में हिंदू आबादी 54 प्रतिशत घट जाएगी जबकि मुस्लिम आबादी 30 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।
अचानक कैसे बढ़ी मुस्लिम आबादी
टाटा सोशल साइंस की रिपोर्ट की मानें तो मुंबई में अवैध झुग्गियों की संख्या में अचानक से बढ़ोतरी हो गई है। सरकार के पास इनका डेटा भी नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार मुंबई में महिलाओं की तस्करी में 50 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो गई है। अवैध प्रवासियों के कारण मुंबई के कई इलाकों में पीने का पानी का संकट भी पैदा हो गया है।
रिपोर्ट को लेकर सियासत शुरू
वहीं इस रिपोर्ट को लेकर अब सियासत भी चालू हो गई हैं एनसीपी शरद पवार गुट के नेता ने कहा ये टाटा की नहीं बल्कि बीजेपी और आरएसएस की रिपोर्ट है। वहीं बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने टाटा की ऑथेंटिक रिपोर्ट है। इन्हें बोगस एनजीओ के जरिए पैसा मिलता है, इनके बोगस दस्तावेज मिलते हैं।