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सेहत पर कहर बरपा सकता है कॉर्टिसोल हार्मोन का बढ़ना

हमारे रोजमर्रा के जीवन का प्रभाव हमारी मानसिक सेहत पर भी पड़ता है और हम तनाव के शिकार हो जाते हैं। तनाव का स्तर बढ़ने की वजह से हमारे शरीर में Cortisol हार्मोन का स्तर भी बढ़ने लगता है जिसके कारण कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। आइए जानें कैसे नेचुरली कॉर्टिसोल का स्तर कम (Natural Ways to Lower Cortisol Level) किया जा सकता है।

कॉर्टिसोल एक ऐसा हार्मोन है, जो हमारी सेहत के लिए काफी जरूरी होता है। यह बॉडी के कई फंक्शन्स करने में मदद करता है। लेकिन शरीर में इसका स्तर बढ़ने की वजह से आपको कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। दरअसल, Cortisol को Stress Hormone भी कहा जाता है।

लेकिन ज्यादा तनाव की वजह से इस हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है, जो लंबे समय तक बढ़ा रहे, तो क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक इस वजह से शरीर में सूजन, वजन बढ़ना और दिल की बीमारियां भी हो सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि कॉर्टिसोल लेवल को नियंत्रित रखा जाए। कुछ ऐसे उपाय भी हैं, जिनसे इसके स्तर को नेचुरली कंट्रोल किया जा सकता है। आइए जानें कॉर्टिसोल लेवल को किन तरीकों (Tips to lower Cortisol) से कम किया जा सकता है।

एक्सरसाइज करें

एक्सरसाइज करने से मूड बेहतर होता है और हैप्पी हार्मोन्स रिलीज होते हैं। इसके आप बेहतर महसूस करते हैं और स्ट्रेस लेवल भी कम होता है। तनाव कम होने की वजह से कॉर्टिसोल का स्तर भी कम होता है। इसलिए रोज कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज जरूर करें, क्योंकि इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभों में कॉर्टिसोल नियंत्रिण भी शामिल है।

माइंडफुलनेस की प्रैक्टिस करें

ऐसे कई तरीके हैं, जिनसे आपका मन शांत होता है और तनाव का स्तर कम होता है। मेडिटेशन, योग, ताई ची जैसी तकनीकों की मदद से आप माइंडफुलनेस प्रैक्टिस कर सकते हैं। इनसे तनाव कम करने में काफी मदद मिलती है, जिससे कॉर्टिसोल का स्तर भी नियंत्रित होता है। हालांकि, आपको रोज इसकी प्रैक्टिस करनी पड़ेगी, तभी इसका फायदा मिलेगा।

स्मोकिंग बंद कर दें

स्मोक करने से भी कॉर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है। साथ ही, फेफड़े, दिल, किडनी आदि को भी काफी नुकसान पहुंचता है। इसलिए स्मोकिंग न करें और कोशिश करें कि आप पैसिव स्मोकिंग से भी बचे रहें। इससे आपकी सेहत को काफी फायदा पहुंचेगा।

नींद पूरी करें

नींद पूरी न होने की वजह से स्ट्रेस बढ़ता है, जिसके कारण कॉर्टिसोल का स्तर भी बढ़ जाता है। इसलिए पूरी नींद लेने और सोने और जागने का एक फिक्स समय तय करने से इसके स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है। साथ ही, 7-8 घंटे की नींद लेने से स्वास्थ्य को अन्य कई फायदे भी मिलते हैं।

नेचर में समय बिताएं

नेचर में समय बिताने से भी तनाव कम होता है और मेंटल हेल्थ को भी फायदा पहुंचता है। इसलिए अगर मुमकिन हो, तो रोज कुछ समय प्रकृति के बीच, जैसे पार्क आदि में बिताएं। इससे भी कॉर्टिसोल का स्तर कम होता है। साथ ही, इससे एंग्जायटी से भी राहत मिलती है।

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