यहां से इंडिया गठबंधन की आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार महाबल मिश्रा लगातार चौथी बार चुनाव लड़ रहे हैं। यह क्षेत्र गठबंधन के तहत कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को दिया है। वह इससे पहले तीन बार कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़े थे, जबकि भाजपा ने लगातार दो बार से जीत रहे अपने दिग्गज नेता साहिब सिंह के बेटे प्रवेश वर्मा का टिकट काटकर एमसीडी की पार्षद कमलजीत सहरावत को मैदान में उतारा है। वह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं।
वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव से पहले लोकसभा क्षेत्रों का परिसीमन होने के दौरान अस्तित्व में आया पश्चिम दिल्ली लोकसभा क्षेत्र इस बार सुर्खियों में है। यहां से इंडिया गठबंधन की आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार महाबल मिश्रा लगातार चौथी बार चुनाव लड़ रहे हैं। यह क्षेत्र गठबंधन के तहत कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को दिया है। वह इससे पहले तीन बार कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़े थे, जबकि भाजपा ने लगातार दो बार से जीत रहे अपने दिग्गज नेता साहिब सिंह के बेटे प्रवेश वर्मा का टिकट काटकर एमसीडी की पार्षद कमलजीत सहरावत को मैदान में उतारा है। वह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं।
पश्चिम दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने अभी तक दिग्गज नेताओं को सांसद नहीं बनाया है। हालांकि यहां से अभी तक सिर्फ भाजपा ने एक बार अपने दिग्गज नेता प्रो. जगदीश मुखी को उम्मीदवार बनाया था, मगर उनको वर्ष 2009 में हार का सामना करना पड़ा था। इस क्षेत्र से सबसे पहले कांग्रेस के महाबल मिश्रा को सांसद बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। वह पहली बार में ही सांंसद बन गए थे, वहीं यहां से दूसरी व तीसरी बार भाजपा के प्रवेश वर्मा सांसद बने। वर्ष 2014 में प्रवेश वर्मा भी पहली बार में ही सांसद बनने में कामयाब हो गए थे। इस चुनाव में उन्होंने पत्रकारिता छोड़कर आए आम आदमी पार्टी के जरनैल सिंह को हराया था।
पूर्ववर्ती दक्षिण दिल्ली व बाहरी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के हिस्सों को मिलाकर बनाए गए इस क्षेत्र के मतदाताओं ने वर्ष 2009 से पहले कई दिग्गज नेताओं को संसद में भेजने का कार्य किया था। उन्होंने दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री चौ. ब्रह्मप्रकाश को वर्ष 1962 व 1967 में कांग्रेस और वर्ष 1977 में भारतीय लोकदल के टिकट पर सांसद बनाया था। इस दौरान वह केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे, मगर वर्ष 1980 में उन्होंने चौ. ब्रह्मप्रकाश पर भरोसा नहीं किया और इस चुनाव में उन्होंने युवा चेहरे के तौर पर राजनीति में आए सज्जन कुमार को अपना सांसद चुना। वहीं उन्होंने वर्ष 1999 में भाजपा उम्मीदवार पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह को सांसद चुना था, लेकिन वर्ष 2004 में उन्होंने साहिब सिंह को हराकर सज्जन कुमार को सांसद चुना। वर्ष 1971 में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष चौ. दलीप सिंह को अपना सांसद चुना था, मगर वर्ष 1977 में उनको हार का सामना करना पड़ा था।
केंद्र सरकार में मंत्री नहीं बन सके
पश्चिम दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से तीनों बार सत्तारूढ़ दल का उम्मीदवार जीतने में कामयाब रहा, मगर तीनों बार चुने गए नेताओं को अपने दल की सरकार में मंत्री पद नसीब नहीं हुआ। वर्ष 2014 व 2019 में केंद्र में भाजपा सरकार बनने के दौरान इलाके के मतदाताओं को भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा के दूसरी बार ही नहीं, बल्कि पहली बार सांसद बनने पर मंत्री बनाए जाने की उम्मीद थी। दरअसल वह भाजपा के दिग्गज जाट नेता साहिब सिंह के बेटे हैं और भाजपा के पास दिग्गज जाट नेताओं का अकाल सा भी है। साहिब सिंह दिल्ली के मुख्यमंत्री व केंद्र सरकार में मंत्री रहे थे। वहीं वर्ष 2009 में केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी थी। इस दौरान दिल्ली में पूर्वांचली चेहरा होने के कारण कांग्रेस सांसद महाबल मिश्रा के मंत्री बनने के कयास लगाए जा रहे थे।
महाबल मिश्रा को दोबारा अवसर नहीं दिया
पश्चिम दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से तीन बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके महाबल मिश्रा के सिर पर एक बार ही जीत का सेहरा बंधा है। इलाके के मतदाताओं ने दूसरी बार उन पर भरोसा नहीं जताया। वह वर्ष 2009 में प्रदेश भाजपा के दिग्गज नेता प्रो. जगदीश मुखी को हराकर सांसद बने थे, लेकिन वर्ष 2014 में वह तीसरे नंबर पर रहे और उस चुनाव में हार के साथ ही उनकी जीत का रथ थम गया। इससे पहले वह लगातार जीतते रहे थे। वह वर्ष 1997 में पार्षद और वर्ष 1998, 2003 व 2008 में विधायक का चुनाव जीते थे। उधर वह वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे थे। इससे पहले वर्ष 2015 में वह विधायक का चुनाव भी हार गए थे।
कुछ आंकड़े…
- कुल मतदाता- 24,88,831
- पुरुष मतदाता- 13,27,008
- महिला मतदाता- 11,61,717
चुनावी इतिहास साल सांसद पार्टी
- 2009 महाबल मिश्रा कांग्रेस
- 2014 प्रवेेश वर्मा भाजपा
- 2019 प्रवेेश वर्मा भाजपा