डीआरआई ने गोरखपुर में 11 किलोग्राम सोने के साथ दो को हिरासत में लिया है। इनसे पूछताछ की जा रही। एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि इन्होंने कुछ बड़े नाम भी लिए हैं। इस आधार पर एजेंसी की तरफ से कार्रवाई की दायरा बढ़ाया जा सकता है। व्यापारी भी एजेंसी के कार्रवाई से सहमें हुए हैं।
डायरेक्टर ऑफ रेवन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआई) की संयुक्त टीम ने गोरखपुर, मुजफ्फरपुर और गुवाहाटी में सोने की तस्करी से जुड़े एक बड़े सिंडिकेट का खुलासा किया है। तीनों जगहों पर टीम ने 61.08 किलो सोना, 19 गाड़ी, नकदी के साथ दो मास्टरमाइंड सहित सिंडिकेट के 12 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। सोने की कीमत 40 करोड़ रुपये आंकी गई है। गोरखपुर में दो लोगों के पास से 11 किलोग्राम सोना बरामद किया गया है।
बताजा जा रहा है कि डीआरआई की टीम को सूचना मिली थी कि म्यांमार से बिहार, गोरखपुर होते हुए दिल्ली और जयपुर में तस्करी का सोना ले जाया जाएगा। इस पर डीआरआई ने चार राज्याें में 12 और 13 मार्च को तस्करों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन चलाया। जिसका कोड ””राइजिंग सन”” रखा गया।
टीम ने तस्करों के पास से 19 वाहन, नकदी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं बरामद की हैं। डीआरआई अधिकारियों ने गोरखपुर में कसया हाइवे के पास गाड़ियों की चेकिंग तो उनके पास से 11 किलो सोना मिला। सोना ले जा रहे कागजात नहीं दिखा पाए। इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इसी प्रकार गुवाहाटी में 37.04 किलोग्राम सोना, 13 लाख रुपये, वाहन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान के साथ छह लोगों को पकड़ा।
इनसे पूछताछ के आधार पर मुजफ्फरपुर के डीआरआई अधिकारियों ने एक वाहन को रोका और 13.04 किलोग्राम सोना बरामद किया। पकड़े गए तस्करों से पूछताछ में पता चला कि सिंडिकेट भारत-म्यांमार बार्डर से सोने की तस्करी करता है और उसे गुवाहाटी में एकत्र किया जाता है। इसके बाद दिल्ली, जयपुर व अन्य जगहों पर ले जाकर सप्लाई करते हैं।
डीआरआई की टीम पकड़े गए लोगों से पूछताछ के आधार पर आगे की कार्रवाई पर जुट गई है। गोरखपुर के हिंदी बाजार में भी सोने की तस्करी से जुड़े नेटवर्क खंगाले जा रहे हैं। पहले भी यहां म्यामार व बिहार के तस्करों को सोने के साथ पकड़ा जा चुका है।