प्रदेश में साइबर हमलों से निपटने के लिए एसओपी जारी की जाएगी। पांच करोड़ तक के साइबर मामलों का राज्य में ही निस्तारण होगा। वहीं, गांवों तक भी साइबर जागरुकता के लिए कॉमन सर्विस सेंटरों की मदद ली जाएगी।
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर की साइबर सुरक्षा के लिए साइबर क्राइसिस मैनेजमेंट प्लान और क्रिटिकल इंफॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर गाइडलाइंस को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। राज्य में साइबर हमलों से निपटने के लिए सेक्टोरल सेर्ट और सेर्ट यूटीके का गठन किया गया है।
साइबर हमलों से निपटने के लिए केंद्रीय आईटी मंत्रालय के निर्देशों के तहत निर्णायक प्राधिकरण कार्यालय का गठन किया गया है। इसमें पांच करोड़ तक के साइबर मामलों का निपटान होगा। साइबर हमलों से निपटने के लिए इंसीडेंट रिस्पांस मैकेनिज्म और एप्लीकेशन सिक्योरिटी एंड ऑडिट से संबंधित एसओपी जारी की जाएगी।
राज्य की साइबर सुरक्षा संबंधी मामलों के लिए सीईआरटी-यूटीके की वेबसाइट बनाई जाएगी। वहीं, साइबर सुरक्षा को लेकर साइबर सिक्योरिटी सेंटर फॉर एक्सीलेंस बनाने का काम गतिमान है। गांव-गांव तक साइबर सुरक्षा को पहुंचाने के लिए सीएससी से एमओयू किए जा रहे हैं।