उत्तरी दिल्ली के एक स्कूल में सिनियर छात्रों द्वारा कथित तौर पर पिटाई किये जाने के बाद 12 वर्षीय एक लड़के की मौत हो गई, जिसके एक सप्ताह से अधिक समय के बाद घटना के संबंध में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि दीपचंद बंधु अस्पताल से 20 जनवरी को 12 वर्षीय एक लड़के की इलाज के दौरान मौत की सूचना मिली थी। पुलिस ने बताया कि अस्पताल पहुंचने के बाद पता चला कि लड़के को उसके पिता ने 20 जनवरी की शाम सात बजे आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया था।
पुलिस उपायुक्त (उत्तर) मनोज कुमार मीना ने बताया कि लड़के की इलाज के दौरान मौत हो गई। उन्होंने बताया कि मामले में जांच शुरू की गई है और मृतक के पिता एवं परिवार के अन्य सदस्यों के बयान दर्ज किए गए हैं। पुलिस अधिकारी के अनुसार, बच्चे के पिता ने बताया कि उनके बेटे ने 11 जनवरी को स्कूल से लौटने के बाद उन्हें बताया था कि उसे बड़ी कक्षाओं के छात्रों ने पीटा है और उसने बाएं घुटने में चोट लगने की शिकायत की थी।
उन्होंने बताया कि पिता लड़के को दीप चंद बंधु अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में ले गए जहां उसे कुछ दवाएं दी गईं और आगे के इलाज के लिए हड्डी रोग विभाग में रेफर कर दिया गया। उस दिन विभाग बंद होने के बाद वे वहां नहीं पहुंचे। पुलिस ने बताया कि मरीज को 15 जनवरी को रोहिणी के निजी क्लिनिक ले जाया गया जहां उसे कुछ दवाएं दी गई। लड़के की हालत लगातार बिगड़ती गई और उसे 20 जनवरी को दीप चंद बंधु अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि लड़के के पिता ने इलाज में लापरवाही का भी आरोप लगाया है। मीना ने बताया कि मृतक का पोस्टमार्टम करने के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था। उन्होंने कहा कि शव परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार, मौत कुंद ब्लंट फोर्स ट्रॉमा के कारण बाएं घुटने में लगी चोट के परिणामस्वरूप सेप्टिकेमिक शॉक के कारण हुई है।