नदियों से भूमि कटाव को रोकने के लिए हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेंवि) का शोध काफी कारगर हो सकता है। हकेंवि ने वर्टिकल प्लेट तकनीक विकसित की है। इससे भूमि के कटाव से नुकसान को रोका जा सकेगा। विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी पीठ के वर्टिकल प्लेट के शोध को पेटेंट मिल चुका है।
हर वर्ष नदियों के उफान से बहुत अधिक तबाही के साथ जान-माल का नुकसान हो जाता है। नदियों से होने वाले नुकसान को ध्यान में रखते हुए हकेंवि के इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी पीठ के शिक्षकों ने वर्टिकल प्लेट तकनीक विकसित की है। मौजूदा समय में किनारों को धातु की क्षैतिज प्लेट के माध्यम से सुरक्षित किए जाने की प्रक्रिया प्रचलन में है और ऐसा देखने में आया है कि यह प्लेटें काफी हद तक क्षतिग्रस्त हो जाती थीं। इसी को ध्यान में रखते हुए हकेंवि के शिक्षकों ने उल्टे ई आकार की वर्टिकल प्लेट तैयार की है जो काफी हद तक कटाव से होने वाले नुकसान को नियंत्रित करने में सक्षम है।
ऐसे काम करेगी वर्टिकल प्लेट इस पेटेंट को प्राप्त करने वाली टीम में सदस्य प्रो. विकास गर्ग व प्रो. अजय कुमार बंसल, डॉ. डीवीएस वर्मा, डॉ. बलदेव सेठिया शामिल हैं। शिक्षकों द्वारा तैयार की गई तकनीक के अंतर्गत प्लेट में एक ऊर्ध्वाधर प्लेट होती है जो नदी किनारों की रक्षा करती है। इसके अलावा तीन क्षैतिक प्लेटें होती हैं जो विभिन्न तल स्तर पर ऊर्ध्वाधर प्लेट को क्षतिग्रस्त होने से रोकती हैं। इस प्रकार इन क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर प्लेट के संयोजन से नदी के तटोंं की सुरक्षा और प्लेट के स्थायित्व को सुनिश्चित किया जाता है।
इस पेटेंट से यह मिलेगा लाभ प्रो. विकास गर्ग ने बताया कि नदी तट के कटाव के कारण संपत्ति की क्षति, समुदायों का विस्थापन और कृषि की बड़े स्तर पर हानि होती है। नदियों का कटाव पर्यावरणीय क्षरण में भी योगदान देता है और जैव विविधता और पानी की गुणवत्ता को प्रभावित करता है जबकि बाढ़ के खतरे को बढ़ाता है और प्रभावित क्षेत्रों पर आर्थिक बोझ डालता है। ऐसे में यह वर्टिकल प्लेटें नदियों के मोड़ के लिए किनारे की सुरक्षा करेंगी।