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CMM कोर्ट ने सीपी को भेजा आदेश

कानपुर में किसान बाबू सिंह की खुदकुशी मामले में लगभग ढाई महीने से फरार चल रहा पूर्व भाजपा नेता प्रियरंजन आशु दिवाकर शुक्रवार दोपहर को गुपचुप तरीके से अधिवक्ता के साथ सीएमएम कोर्ट पहुंचा। अपने शपथपत्र के साथ पुलिसिया कार्रवाई पर पांच दिसंबर तक रोक संबंधी हाईकोर्ट का आदेश कोर्ट में दाखिल किया।

साथ ही कार्रवाई न करने और पूर्व में जारी दंडात्मक कार्रवाई के आदेश पर रोक लगाने की मांग की। सीएमएम कुमुदलता त्रिपाठी ने हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन के निर्देश दिए। साथ ही सभी कागजात की चकेरी थाने व पुलिस कमिश्नर के पास भेज दिए।

चकेरी निवासी किसान बाबू सिंह ने नौ सितंबर 2023 की सुबह रेलवे ट्रैक पर ट्रेन से कटकर जान दे दी थी। किसान ने मरने से पहले सुसाइड नोट भी लिखा था। इसके आधार पर पत्नी ने चकेरी थाने में डॉ. प्रियरंजन आशु दिवाकर, बब्लू यादव, राहुल जैन, मधुर पांडेय, शिवम सिंह चौहान, जितेंद्र यादव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

जमीन षड़यंत्र करके रजिस्ट्री करवा ली

आरोप है कि पति की लगभग सात करोड़ की साढ़े छह बीघा जमीन इन लोगों ने षड़यंत्र करके रजिस्ट्री करवा ली, लेकिन रुपया नहीं दिया। इससे परेशान होकर बाबू ने खुदकुशी कर ली। मामले में राहुल जैन और मधुर पांडेय को जेल भेजा गया था, जबकि बाकी आरोपी फरार थे।

एक दिन के लिए पुलिसिया कार्रवाई पर रोक लगाई थी

राहुल जैन को पिछले दिनों हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी, जबकि जितेंद्र यादव को अग्रिम जमानत मिल चुकी है। प्रियंरजन ने हाईकोर्ट में गिरफ्तारी वारंट के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। इसमें पहले हाईकोर्ट ने एक दिन के लिए पुलिसिया कार्रवाई पर रोक लगाई थी। इसके बाद अंतरिम आदेश की अवधि 28 नवंबर तक बढ़ा दी थी।

अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित के साथ सीएमएम कोर्ट पहुंचा

28 को सुनवाई के बाद यह अवधि बढ़ाकर पांच दिसंबर कर दी गई थी। प्रियरंजन शुक्रवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे अपने अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित के साथ सीएमएम कोर्ट पहुंचा। 15-16 वकील और उसके साथ थे। यहां प्रार्थना पत्र, शपथपत्र व हाईकोर्ट के तीनों आदेशों की प्रतियां दाखिल की गईं।

गैर जमानती वारंट व कुर्की संबंधी कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग

अधिवक्ता शिवाकांत ने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए प्रियरंजन के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट व कुर्की संबंधी कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की। सीएमएम ने सभी प्रपत्रों को देखने के बाद मुकदमे में अब तक चार्जशीट दाखिल न होने और विवेचना जारी होने की जानकारी मिलने पर संबंधित कागजातों को चकेरी थाने व कमिश्नर को जरूरी कार्रवाई के लिए भेजने के निर्देश दिए हैं।

जेसीपी बोले- प्रियरंजन ने हाईकोर्ट में बोला झूठ, कभी नहीं मिला पुलिस से

ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा कि प्रियरंजन ने हाईकोर्ट में जो शपथपत्र दिया है, वह झूठे तथ्यों पर आधारित है। उसने हाइकोर्ट में झूठा शपथपत्र दिया है। उसकी चकेरी थाना प्रभारी तक से कभी मुलाकात नहीं हुई है। दस बीच उनसे मिलने पहुंची बाबू सिंह की बेटियों को उन्होंने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। इससे पहले बेटियां सीपी से भी मिलीं।

छह को साक्ष्य पेश करेगा सरकारी वकील

मामले में सुनवाई अब छह दिसंबर को होनी है। जेसीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा कि डॉ. प्रियरंजन ने जो झूठा शपथपत्र हाईकोर्ट में दाखिल किया है। सरकारी वकील उसके खिलाफ साक्ष्य रखेगा। उसकी जमानत नहीं होने देंगे। वहीं, कहा कि अमित चौहान के घर थाना प्रभारी ने दबिश दी थी। वहां पर प्रियरंजन के छिपे होने की खबर थी, लेकिन वो वहां नहीं मिला।

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