वरिष्ठ भाजपा नेता और बिहार भाजपा के सह प्रभारी सुनील ओजा (70) का शव बुधवार देर रात वाराणसी पहुंचा और अंतिम दर्शन के लिए मंडुवाडीह स्थित महावीर हाइट्स सोसाइटी के उनके अस्थायी आवास पर रखा गया। बृहस्पतिवार की सुबह मिर्जापुर के गड़ौली धाम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
सुनील ओजा का निधन बुधवार अलसुबह 4.30 बजे गुड़गांव स्थित मेदांता अस्पताल में हार्ट अटैक से हुआ था। कुछ महीने पहले ही उनका उत्तर प्रदेश से बिहार ट्रांसफर हुआ था। बिहार ट्रांसफर से पहले सुनील ओजा यूपी के सह प्रभारी थे। निधन की सूचना से भाजपा कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफार्म पर सुनील ओजा के साथ की फोटो शेयर करते हुए गहरा दुख व्यक्त किया है। मूल रूप से गुजरात के रहने वाले सुनील ओजा ने अपने राजनीतिक कॅरिअर की शुरुआत गुजरात के भावनगर से की थी। ओजा 1998 और 2002 में भावनगर (दक्षिण) निर्वाचन क्षेत्र से गुजरात विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। वर्ष 2007 में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय चुनाव लड़े और हार गए। जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब ओजा ने उनके नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह किया था और 2007 के चुनावों से पहले पार्टी छोड़ दी थी।
वह एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। बाद में, ओजा एक अन्य बागी नेता व मोदी सरकार में पूर्व मंत्री गोवर्धन झड़फिया की बनाई गई महागुजरात जनता पार्टी में शामिल हो गए। हालांकि बाद में 2011 में वह एक बार फिर भाजपा के करीब आ गए। फिर उन्हें गुजरात भाजपा का प्रवक्ता बना दिया गया। जब 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी ने वाराणसी लोकसभा से चुनाव लड़ने का फैसला किया तो सुनील ओजा, अरुण सिंह और सुनील देवधर को चुनाव की जिम्मेदारी संभालने के लिए भेजा गया। चुनाव के बाद सुनील देवधर और अरुण सिंह ने तो दूसरी जिम्मेदारियां संभाल लीं मगर, सुनील ओजा वाराणसी में ही रह गए। 2014 से पहले अमित शाह को यूपी भाजपा का प्रभारी बनाया गया तो सुनील ओजा को सहप्रभारी बना दिया गया। 2014 में वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र की जिम्मेदारी के लिए खुद प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें चुना था। ओजा तब से काशी क्षेत्र की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। 2019 में उन्हें गोरक्ष प्रांत की भी जिम्मेदारी दी गई थी। गढ़ौली धाम में सरकारी खर्च पर 1008 सामूहिक विवाह कराने के बाद विवाद में आए ओजा का स्थानांतरण प्रदेश सह प्रभारी के रूप में बिहार कर दिया गया था। भाजपा के क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी नवरतन राठी ने बताया सुनील ओजा की शवयात्रा बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे मंडुवाडीह स्थित महावीर हाइट्स से गड़ौली धाम के लिए प्रस्थान करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा कि भावनगर के पूर्व विधायक सुनील भाई ओजा के निधन का दुखद समाचार मिला। भाजपा के संगठन विस्तार और समाजसेवा के क्षेत्र में इनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। वाराणसी में भी सुनील भाई का संगठनात्मक कार्य सराहनीय रहा है। प्रभु इस दिव्य आत्मा को शांति प्रदान करें और परिवार को दुख सहन करने की शक्ति दें। गृहमंत्री अमित शाह ने भी एक्स पर लिखा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और बिहार के सह प्रभारी सुनील ओजा के आकस्मिक निधन की सूचना अत्यंत दुखद है। उन्होंने पूरी कर्मठता से संगठन के विभिन्न दायित्वों को निभाया। अपनी सादगी और संगठन निष्ठा के लिए वे सदैव हमारी स्मृति में रहेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लिखा कि वरिष्ठ भाजपा नेता, पूर्व विधायक बिहार भाजपा के सह प्रभारी व उत्तर प्रदेश भाजपा के पूर्व सह प्रभारी सुनील भाई ओझा का निधन अत्यंत दु:खद है। प्रभु श्रीराम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान और शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करें। ऊं शांति।