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भूख से ही नहीं बल्कि कोलिक की वजह से भी रोते हैं बच्चे, पढ़िये पूरी ख़बर

बच्चे की किलकारियां हर घर मे रौनक भर देती है। बच्चे का हंसना-खिलखिलाना हर किसी को पसंद होता है। हालांकि जब वही बच्चा रोता है तो मानों सबकी जान अटक जाती है। जन्म के बाद अक्सर बच्चे कोलिक की समस्या की वजह से काफी रोते हैं। ऐसे में आप इन घरेलू उपायों से इससे राहत पा सकते हैं।

घर में छोटे बच्चे की किलकारियां अपने आप में काफी अनमोल होती हैं। बच्चे की प्यारी हरकतें देखने के लिए मां और परिवार के सदस्यों की नजरें हमेशा बच्चे पर ही लगी रहती हैं। जन्म के बाद से ही बच्चा कुछ अलग-अलग तरह की हरकतें करता है, जैसे कि कई हफ्तों तक नींद में मुस्कुराना, नींद में दूध पीना और यहां तक कि रोना भी, ये सभी हरकतें लोगों का मन मोह लेती हैं, लेकिन जब बात रोने की आती है, तो जाहिर तौर पर इससे सभी को परेशानी होती है।

आप कई बार देखेंगे कि बच्चा अचानक से मुट्ठियां बंद करके, पैरों को फड़फड़ाते हुए और चेहरा लाल करके रोने लगता है। ऐसे में मां और परिवार के लोगों की हालत क्या होती होगी, ये तो सभी समझ सकते हैं। ऐसे में, आपको घबराने की जरूरत नहीं है,यह कोलिक की समस्या है, जो बच्चों में काफी आम होती है। इसे आसानी से मैनेज भी किया जा सकता है।

क्या है कोलिक?
कोलिक वह स्थिति हैं, जिसमें नवजात शिशु लंबे समय तक बिना कारण रोने लगता है। यह बच्चों में जन्म के दो हफ्ते बाद शुरू होती है और तीन या चार महीने तक रह सकती है, लेकिन इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं होती है। आप अपने बच्चों को कोलिक के राहत दिलाने के लिए निम्न उपाय अपना सकते हैं।

गर्म पानी से नहलाना या सिकाई करना
गर्म पानी से नहलाने और सिकाई करने से कोलिक पीड़ित बच्चों को राहत मिलती है। हो सकता है कि उनके पेट में दर्द की समस्या हो या गैस हो, जो गर्म पानी से नहाने और सिकाई करने से कम होती है। आप गर्म पानी में एक तौलिया भिगोएं, इसे निचोड़ें और धीरे से इससे बच्चे के पेट पर सिकाई करें।

बच्चे की मालिश करें
बादाम और नारियल के तेल से बच्चों की मालिश करने से उन्हें काफी आराम मिलता है और पाचन में भी सुधार हो सकता है। आप थोड़े से तेल से नीचे की ओर हल्के हाथों से बच्चे की मसाज करें।

बच्चे को पेट के बल लिटाएं
बच्चे को पेट के बल लिटाने से भी उन्हें काफी हद तक आराम मिलता है। आप इसके लिए उन्हें कोई हल्का तकिया लगाकर या फिर अपने गोद की मदद से लिटा सकती हैं। अगर उन्हें पेट में दर्द की परेशानी होगी तो वो जरूर अच्छा महसूस करेंगे। इसके अलावा, हल्के हाथों से बच्चे की पीठ को रगड़ें, जिससे गैस को बाहार आने में मदद मिलती है।

बच्चे को डकार दिलाएं
बच्चे को दूध पिलाने के तुरंत बाद डकार दिलाना बहुत जरूरी है। ऐसा हो सकता है कि दूध पीने के बाद बच्चे के पेट में गैस भर गई हो, जिससे उसे भारीपन महसूस हो रहा हो। दूध पिलाने के बाद बच्चे को अपने कंधे पर लिटाकर, गर्दन और कंधों को सहारा देते हुए, हल्के हाथों से उसकी पीठ को थपथपाएं या तब तक रगड़ें जब तक आपको डकार की आवाज न सुनाई दे।

 

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