Thursday , November 7 2024

शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया

साल का आखिरी चंद्र ग्रहण शनिवार, 28 अक्तूबर को आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि को है। आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस चंद्र ग्रहण को भारत में देखा जा सकेगा जिस कारण से इसका सूतक काल मान्य होगा। वैदिक पंचांग के अनुसार यह चंद्र ग्रहण भारत में 28 अक्तूबर की रात 01 बजकर 06 मिनट से शुरू हो जाएगा जो रात के 2 बजकर 22 मिनट पर तक चलेगा। इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण के 9 घंटे पहले शुरू हो जाएगा। इस तरह से 28 अक्तूबर को शाम 4 बजकर 44 मिनट से सूतक लग जाएगा जो ग्रहण की समाप्ति तक चलेगा।        

शरद पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण

हिंदू धर्म में आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है। इस पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा या कोजागरी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा और खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखने का खास महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और घर-घर जाकर यह देखती हैं कि शरद पूर्णिमा पर कौन जाग रहा है। इस कारण से शरद पूर्णिमा को कोजागर पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है।

शरद पूर्णिमा पर देवी लक्ष्मी की पूजा और खुले आसमान के नीचे खीर रखने और फिर उसे अगली सुबह खाने का विशेष महत्व होता है। लेकिन बार शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया रहेगा ऐसे में चंद्र ग्रहण का सूतक शुरू होने से पहले पूजा-पाठ जरूर कर लेना चाहिए। ग्रहण की समाप्ति के बाद मंत्रों का जाप करें और दान-पुण्य करे।

शरद पूर्णिम पर खीर बनाने और उसे चांद की रोशनी में रखने से कई तरह के औषधि गुण आ जाते हैं लेकिन इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण भी लगेगा। इस वजह से ग्रहण की समाप्ति के बाद खीर बनान ज्यादा शुभ रहेगा। ऐसी मान्यता है कि ग्रहण और सूतक काल के दौरान न तो खाना बनाया जाता है और न ही खाना खाया जाता है। ग्रहण के दौरान खाने की सभी चीजों में तुल के पत्ते जरूर डालें।              

शरद पूर्णिमा पर देवी लक्ष्मी पूजा का महत्व           

शास्त्रों के अनुसार शरद पूर्णिमा पर देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा-आराधना का महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात को देवी लक्ष्मी घर-घर जाकर यह देखती हैं कि कौन जाग रहा है। ऐसे में रात भर जागकर पूजा-पाठ और मंत्रों का जाप करना चाहिए। शरद पूर्णिमा पर ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मयै नम: के मंत्रों का जाप करें।               

जानिए साल 2023 के आखिरी चंद्र ग्रहण की खास बातें 

1- साल 2023 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्तूबर 2023 को है। 2- भारत में इस चंद्र ग्रहण को देखा जा सकेगा। चंद्र ग्रहण रात 01 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगा और 02 बजकर 22 मिनट पर खत्म होगा। 3- इस चंद्र ग्रहण को भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, एशिया, हिंद महासागर, अटलांटिक, दक्षिणी प्रशांत महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा। 4- देश में चंद्र ग्रहण दिखाई देगा इस कारण से इसका सूतक काल मान्य होगा। 5- चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए। सिलाई बुनाई का काम नहीं करना चाहिए। इस दौरान पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए। घर में बैठकर आप भगवान के मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं।

चंद्र ग्रहण को भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, एशिया, हिंद महासागर, अटलांटिक, दक्षिणी प्रशांत महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा।

Check Also

वाराणसी में क्यों मचा साईं बाबा को लेकर विवाद? 14 मंदिरों से हटा दी गईं मूर्तियां!

  केंद्रीय ब्राह्मण सभा की ओर से विरोध जताए जाने के बाद से साईं बाबा …