मणिपुर में हिंसक घटनाओं के बीच बुधवार को 5 दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं हैं। हालांकि, ब्रॉडबैंड सेवाएं चालू हैं। दरअसल, मैतेई/मीतेई समुदाय को एससी श्रेणी में शामिल कराने की मांग के विरोध रैली का आयोजन हुआ था। इसके अतिरिक्त 8 जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है। अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
ATSU ने एक रैली का किया था आयोजन
बकौल एजेंसी मणिपुर सरकार के मुताबिक, युवाओं और विभिन्न समुदायों के स्वयंसेवकों के बीच मारपीट की घटनाओं के बाद राज्य में 5 दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं, क्योंकि ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (ATSUM) द्वारा मैतेई/मीतेई को एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में एक रैली का आयोजन किया गया था।
एटीएसयूएम ने कहा कि मैतेई समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग जोर पकड़ रही है, जिसके खिलाफ उसने मार्च आहूत किया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि रैली में हजारों आंदोलनकारियों ने हिस्सा लिया और इस दौरान तोरबंग इलाके में आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा की खबरें आईं।
पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले
अधिकारी ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। उन्होंने कहा कि स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है लेकिन कई आंदोलनकारी पहाड़ियों के विभिन्न हिस्सों में अपने घरों को लौटने लगे हैं।
इन जिलों में लगाया गया कर्फ्यू
उन्होंने कहा कि स्थिति को देखते हुए गैर-आदिवासी बहुल इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम और बिष्णुपुर जिलों और आदिवासी बहुल चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।