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इस वजह से पूजा सिंघल को झारखंड में रहने की इजाजत नहीं…

कभी झारखंड में सत्ताधारियों की चहेती और ब्यूरोक्रेसी में चर्चित चेहरा रहीं पूजा सिंघल को झारखंड में रहने की इजाजत नहीं है। पूरे 8 महीने बाद जेल से निकलीं पूजा सिंघल को दिल्ली, गुड़गांव या मुंबई शिफ्ट होना पड़ सकता है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत देते हुए साफ निर्देश दिया है कि इस अवधि में पूजा सिंघल को दिल्ली/एनसीआर में ही रहना होगा। गौरतलब है कि पूजा सिंघल को 3 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए 1 महीने की अंतरिम जमानत दी है। जस्टिस एसके कौल और जस्टिस अभय ओका की खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए ये कहा कि जमानत अवधि के दौरान पूजा सिंघल अपनी बीमार बेटी की देखभाल के लिए उनके साथ रह सकती है लेकिन रांची छोड़ना होगा।
सभी सरकारों में महत्वपूर्ण पदों पर रहीं पूजा सिंघल गौरतलब है कि महज 21 साल की उम्र में यूपीएससी की कठिन परीक्षा पास करने वाली पूजा सिंघल झारखंड में कई अहम पदों पर रहीं। बता दें कि आईएएस बनने के बा पूजा सिंघल की पहली तैनाती हजारीबाग में हुई। पूजा सिंघल 2007-08 तक चतरा की उपायुक्त रहीं। पलामू डीसी रहते पूजा सिंघल पर 83 एकड़ भूमि एक निजी कंपनी को देने का आरोप लगा। पूजा सिंघल 16 फरवरी 2009 से 14 जुलाई 2010 तक खूंटी की उपायुक्त रहीं। यहीं उनपर मनरेगा घोटाले का आरोप लगा। पूजा सिंघल झारखंड में सभी सरकारों की चहेती रही हैं। पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में जब रघुवर दास मुख्यमंत्री थे। पूजा सिंघल प्रदेश की खान सचिव हुआ करती थीं। जब झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार बनी तो पूजा सिंघल को खान सचिव बनाया गया। उद्योग सचिव का प्रभार भी पूजा सिंघल को दिया गया। पति के साथ जेल से बाहर निकलीं पूजा सिंघल सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद और रिलीज ऑर्डर पर सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद झारखंड की खान सचिव रहीं पूजा सिंघल बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से बाहर निकलीं। पूजा सिंघल को उनके पति अभिषेक झा लेने पहुंचे थे। पूजा सिंघल काले रंग की कार में बैठकर जेल से निकलीं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद पूजा सिंघल के अधिवक्ता ने मोहलत मांगी थी। अधिवक्ता ने कहा था कि उन्हें गुरुवार तक का समय दिया जाए। गुरुवार यानी आज पूजा सिंघल रांची छोड़ देंगी। बता दें कि पूजा सिंघल को 11 मई को ईडी ने मनरेगा घोटाला और मनी लाउंड्रिंग के आरोपों में गिरफ्तार किया था। दरअसल, पूजा सिंघल के खूंटी उपायुक्त रहते 18 करोड़ रुपये का मनरेगा घोटाला हुआ था। 6 मई 2022 को ईडी ने की थी छापेमारी बता दें कि ईडी ने झारखंड के खूंटी जिले में हुए 18 करोड़ रुपये के मनरेगा घोटाला की जांच के सिलसिले में 6 मई 2022 को पूजा सिंघल के आवास और उनके करीबियों के ठिकानों पर छापा मारा था। छापेमारी के दौरान पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा के सीए सुमन कुमार के आवास और कार्यालय से 19 करोड़ 31 लाख रुपये की नगदी मिली थी। करीब 200 करोड़ रुपये के निवेश से संबंधित दस्तावेज भी मिले थे। बैंक खातों की जांच की गई तो झारखंड की तात्कालीन खान सचिव पूजा सिंघल के पास वेतन से 1 करोड़ 43 लाख रुपये ज्यादा मिले। ईडी ने पूजा सिंघल को पहली बार 10 मई को पूछताछ के लिए बुलाया। 11 मई को लंबी पूछताछ के बाद देर शाम उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। ईडी ने अलग-अलग 14 दिनों की रिमांड पर लेकर पूजा सिंघल से पूछताछ की। कोर्ट ने पूजा सिंघल को 25 मई को 8 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। रिम्स में भी काफी वक्त तक इलाजरत रहीं पूजा सिंघल गौरतलब है कि 27 सितंबर को पूजा सिंघल को बेचैनी, सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत पर रिम्स में भर्ती कराया गया। यहां पूजा सिंघल पेइंग वार्ड में 27 नवंबर तक इलाजरत रहीं। 13 दिसंबर को दूसरी बार पूजा सिंघल को रिम्स में भर्ती कराया गया। हालांकि, इस बार पूजा सिंघल को जल्दी डिस्चार्ज कर दिया। पूजा सिंघल ने हाईकोर्ट में मेडिकल ग्राउंड पर जमानत याचिका दाखिल की थी लेकिन झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने पूजा सिंघल की जमानत याचिका ये कहते हुए खारिज कर दी थी कि एक भ्रष्ट अधिकारी को जमानत देने का कोई आधार नहीं बनता। हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद पूजा सिंघल ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर जमानत मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने पूजा सिंघल को दी है अंतरिम जमानत सुप्रीम कोर्ट ने पूजा सिंघल को फिलहाल अंतरिम जमानत दी है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जयकिशन कौल और न्यामूर्ति अभय एस ओका की पीठ ने ईडी को पूजा सिंघल की मुख्य जमानत याचिका पर जवाब देने के लिए 3 सप्ताह का वक्त दिया है। मामले में अगली सुनवाई अब 6 फरवरी को होगी। कोर्ट ने कहा है कि जब तक सुनवाई पूरी नहीं होती, पूजा सिंघल रांची नहीं आएंगी।

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