ब्राजील में हुए राष्ट्रपति चुनाव के बाद बोलसोनारो समर्थक प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में लगाई आग
ब्राजील में हुए राष्ट्रपति चुनाव में वामपंथी नेता लूला डी सिल्वा ने जाएर बोलसोनारो को हरा दिया है। चुनाव में लूला को 50.9 फीसदी वोट मिले हैं, जबकि बोलसोनारो को 48 फीसदी ही वोट मिले। लेकिन बोलसोनारो ने अब तक हार स्वीकार नहीं की है और ना ही लूला को बधाई दी है। उनके समर्थन में बड़ी तादाद में लोग सड़कों पर उतकर मामले में सैन्य हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।
बता दें कि ब्राजील के निर्वाचित राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने दक्षिणपंथी जायर बोलसोनारो पर मंगलवार को हिंसा भड़काने का आरोप लगाया, जिसके एक दिन बाद बोलसोनारो समर्थक प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी, पुलिस से भिड़ गए और उनके मुख्यालय पर हमला करने की भी कोशिश की।
ब्राजील की शीर्ष चुनावी अदालत ने लूला को अक्टूबर में हुए चुनावों के विजेता के रूप में आधिकारिक तौर पर विजयी घोषित किया। जिसके बाद सोमवार की हिंसा ने राजधानी ब्रासीलिया को हिलाकर रख दिया।
लूला ने एक समाचार सम्मेलन में कहा, निवर्तमान राष्ट्रपति ने अभी भी अपनी हार को स्वीकार नहीं किया है और सड़क पर विरोध कर रहे इन फासीवादी कार्यकर्ताओं को उकसा रहे हैं।
कट्टर दक्षिणपंथी माने जाने वाले बोलसोनारो के समर्थक भारी संख्या में सड़कों पर उतर आए। चुनाव के नतीजों से गुस्साए बोलसोनारो के समर्थकों ने देशभर में सड़कों को ब्लॉक कर कर दिया है। बीते कई दिनों से ब्राजील में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, सड़कें ब्लॉक कर दी गई हैं, जिससे खाने और ईंधन सहित जरूरी सामानों की आवाजाही में भी दिक्कतें आ रही हैं।
ब्राजील की राजधानी साओ पाउलो और कई बड़े शहरों में उनके समर्थकों ने सड़कें ब्लॉक कर दी हैं। साओ पाउलो में मेन हाईवे पर कब्जा जमाए बोलसोनारो के समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल करना पड़ा। देश में दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे प्रदर्शन को देखते हुए अदालत ने सड़कें खाली कराने के लिए पुलिस को हरसंभव कदम उठाने के लिए कहा है।
बोलसनारो समर्थकों ने केंद्रीय ब्रासीलिया में कारों और बसों में आग लगा दी और संघीय पुलिस के मुख्यालय पर आक्रमण करने की कोशिश की। जिसके बाद पुलिस और बोलसोनारो के समर्थकों के बीच झड़प हुई।
वहीं, सेरेरे जवान्ते पर राजधानी के चारों ओर “लोकतांत्रिक” विरोध प्रदर्शन आयोजित करने का आरोप लगाया गया था।
बोलसनारो समर्थक 30 अक्टूबर के चुनाव में उनकी हार के बाद से ही लगातार विरोध कर रहे हैं, उन्होंने सड़कों को रोक कर रखा है और उन्हें सत्ता में बनाए रखने के लिए सैन्य हस्तक्षेप का आह्वान कर रहे हैं। उन्होंने बोलसोनारो को सत्ता से बेदखल करने की साजिश का भी आरोप लगाया।