नई दिल्ली। पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले चुनाव आयोग ने चुनावी राज्यों में खर्च के लिहाज से संवेदनशील सीटों की सूची तैयार की है. उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और मणिपुर में चुनाव आयोग ने ऐसे सीटों की सूची तैयार की है जहां मतदाताओं को लुभाने के लिए पैसे और शराब का ज्यादा इस्तेमाल हो सकता है.
यूपी की 33 सीटें चिन्हित
उत्तर प्रदेश में विधानसभा की कुल 403 सीटों में से 33 सीटों को चुनाव आयोग ने चिह्नित किया है जो कि खर्च के लिहाज से संवेदनशील हैं.
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आजमगढ़ ज़िले की 7 विधानसभा सीटें हैं. ये सीटें हैं गोपालपुर, सकरी, आजमगढ़, निजामाबाद, फूलपुर, दीदारगंज और लालगंज. वहीं इसमें सहारनपुर ज़िले की नकुर विधानसभा सीट।
गाजीपुर की 4 विधानसभा सीटें – गाजीपुर, जांगीपुर, मोहम्मनाबाद और जमानिया सीट शामिल हैं. इसमें कुशीनगर ज़िले में एक विधानसभा सीट, महाराजगंज ज़िले में एक, कौशाम्बी ज़िले में दो विधानसभा सीट, ललितपुर ज़िले में ललितपुर और महरौनी विधानसभा सीट शामिल हैं.
इसके अलावा अमेठी में 4 विधानसभा सीट- अमेठी, गौरीगंज, तिलोई और जगदीशपुर, हरदोई ज़िले में एक, आगरा में फतेहपुर सीकरी, मथुरा में छाता और मथुरा विधानसभा सीट. अलीगढ़ में एक विधानसभा सीट, गाज़ियाबाद ज़िले में एक विधानसभा सीट, बागपत ज़िले में एक और शामली ज़िले की कैराना विधानसभा सीट भी संवेदनशील सीटों की सूची में शामिल है.
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पंजाब में 17 सीटें संवेदनशील
वहीं पंजाब के 9 ज़िलों में 17 विधानसभा सीट हैं. इसमें पंजाब की पठानकोट, गुरुदासपुर, अमृतसर, रूपनगर, लुधियाना, मुक्तसर साहिब, भटिंडा, संगरूर और पटियाला ज़िले की 17 विधानसभा सीटें शामिल हैं.
उत्तराखंड में 70 विधानसभा सीट में 7 सीटें संवेदनशील
उत्तराखंड में कुल 70 विधानसभा सीट में 7 सीटें हैं जो कि खर्च के लिहाज से संवेदनशील हैं. ये 7 सीटें पहाड़ी राज्य के 4 ज़िलों में फैली हैं. देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और उधमपुर ज़िले की सीटें हैं.
मणिपुर की भी 7 सीटें संवेदनशील
मणिपुर की 60 विधानसभा सीटों में से 7 सीटें संवेदनशील हैं और राज्य के 4 ज़िलों में फैली हैं. वहीं गोवा में एक भी सीट खर्च के लिहाज से संवेदनशील नहीं है.
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चुनाव आयोग ने पैसे और शराब के अधिक इस्तेमाल होने की आशंका की वजह से चार राज्यों में इन सीटों की पहचान की है. इन सीटों पर चुनाव आयोग के Expenditure Observer खास नज़र रखेंगे और जिला निर्वाचन अधिकारी के अलावा चुनाव आयोग का विशेष दस्ता भी इसकी निगरानी करेगा.