आगरा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले का कहना है कि, संघ स्वयंसेवकों को आज ज्यादा अनुशासित रहने की आवश्यकता है। और वो समाज को भी अनुशासित रख सकें। सपना देखना सीखें और उसे पूरा करने के लिए सब न्यौछावर करना भी सीखें। उन्होंने कहा कि, बड़ा सपना देखने वाला ही बड़ा काम कर सकता है।
‘स्वराज नाद’ कार्यक्रम को किया संबोधित
होसबोले सिकंदरा स्थित डॉ. एमपीएस स्कूल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आगरा विभाग द्वारा आयोजित ‘स्वराज नाद’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि, समाज में कई तरह के भेद देखने को मिलते है। भाषा, जाति के नाम पर लोग बंटे दिखते हैं। कई बार इनके नाम पर झगड़े भी देखते हैं। इस देश के अंदर कई प्रकार की समस्याएं और संकट भी हैं। इन चुनौतियों का सामना करने का ठेका हम दूसरे देशों को नहीं दे सकते है।
भारत आज परिवर्तन की दहलीज पर पहुंच गया
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि, भारत आज परिवर्तन की दहलीज पर पहुंच गया है। इस सपने को पूरा करने के लिए संघकार्य निरंतर चल रहा है। सेवा और संवेदना द्वारा मानवता की सेवा तन, मन और धन से करना है और मातृभूमि की रक्षा भी। हमें ऐसे चरित्र का निर्माण करना है, जो शरीर, मन, बुद्धि, आत्मा से राष्ट्र के लिए उपयोगी बने। सरकार्यवाह ने संघ में घोष के महत्व के बताते हुए कहा कि घोष मनोरंजन का साधन नहीं है।
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भारत को विश्व गुरू बनाना है
होसबोले ने कहा कि, वर्तमान को ध्यान में रखते हुए भारत को विश्व गुरू बनाना है और समाज को अपना दायित्व निभाना चाहिए। इस सपने को पूरा करने के लिए संघकार्य निरंतर चल रहा है। संघ कार्य के दो आयाम हैं। एक व्यक्ति निर्माण और दूसरा समाज का संगठन। व्यक्ति के अदंर चरित्र का निर्माण हो, अपने अंदर के दैवत्य को जाग्रत करें।