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संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में 42 संगठनों का फैसला, संसद में कानून रद्द होने तक चलेगा आंदोलन, पीएम को ओपेन लेटर लिखेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा कर चुके हैं। हालांकि, किसान नेताओं का कहना है कि वे अभी आंदोलन जारी रखेंगे, जब तक कि कानून संसद में रद्द नहीं कर दिए जाते।  संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में 42 किसान संगठनों ने हिस्सा लिया। बैठक में राकेश टिकैत, बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत सभी जत्थेबंदियों के नेता भाग लिया।

बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए किसान नेता बलबीर राजेवाल ने कहा कि संसद में कानून रद होने तक आंदोलन जारी रहेगा। संयुक्त किसान मोर्चा के सभी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम तय समय पर होंगे। 27 नवंबर को मोर्चा की फिर से बैठक होगी। उन्होंने कहा कि मोर्चा की बैठक में एमएसपी समेत कई अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई।  

बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि मोर्चा किसानों की लंबित मांगों को लेकर पीएम मोदी को ओपन लेटर लिखेगा। पत्र में एमएसपी समिति, विद्युत विधेयक 2020, किसानों पर दर्ज मामलों की वापसी और लखमीपुर खीरी को लेकर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने जैसी प्रमुख मांगें शामिल होगी। 

उन्होंने बताया कि तीनों कृषि कानून वापस लेने को लेकर पीएम मोदी की घोषणा का मोर्चा ने स्वागत किया है। मोर्चा के नेताओं ने कहा कि पीएम मोदी का यह अच्छा कदम है लेकिन किसानों की कई अन्य मांगें अभी भी लंबित है।   कृषि सुधार कानून वापस लिए जाने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा के बावजूद किसान संगठन प्रदर्शन जारी रखेंगे।

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