यूपी विधानसभा चुनाव से पहले जातीय सम्मेलनों के दौर में बीजेपी अब वैश्य महासम्मेलन आयोजित कर रही है। लखनऊ में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन का संयोजक नरेश अग्रवाल को बनाया गया है। नरेश के जरिये बीजेपी आज वैश्य सम्मेलन के माध्यम से विपक्षी दलों को अपनी ताकत दिखाएगी। करीब 18 प्रतिशत आबादी वाले वैश्य समाज का यूपी की राजनीति में काफी दबदबा है।
सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रक्षा मंत्री भारत सरकार राजनाथ सिंह, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और डॉ दिनेश शर्मा, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र और प्रदेश महामंत्री सुनील बंसल शामिल होंगे. बीजेपी वैश्य समाज को पार्टी के काम बताने का लिए कार्यक्रम आयोजित कर रही है।
इसके लिए प्रदेश भर में व्यापारी समाज को एकजुट करने के लिए उन्हें आमंत्रित किया गया है। यह सम्मेलन न केवल उत्तर प्रदेश में भाजपा के प्रति व्यापारियों की निष्ठा का परिचय होगा, बल्कि सम्मेलन वैश्य समाज में नरेश अग्रवाल की लोकप्रियता और उनकी ताकत का भी प्रतीक बनेगा।
यह सम्मेलन ऐसे समय पर आयोजित किया जा रहा है, जब यूपी में विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं। नरेश अग्रवाल के बेटे को विधानसभा का उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद, नरेश अग्रवाल द्वारा आयोजित किया जाने वाला यह पहला कार्यक्रम है. इसको लेकर उनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।
सम्मेलन में सबसे अधिक भीड़ लखनऊ के बाद हरदोई और बहराइच से जुटाने की तैयारी है। दावा है कि सम्मेलन में 10,000 से अधिक लोग जुड़ेंगे. सम्मेलन की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। नरेश अग्रवाल ने मीडिया से कहा कि आजकल सभी बिरादरियों का सम्मेलन हो रहा है। ऐसे में उनका समाज बचा था इस लिए उनके समाज से जुड़े वैश्य समाज का सम्मेलन किया जा रहा है।
नरेश अग्रवाल यूपी के बड़े वैश्य नेता हैं। वो हरदोई से सात बार विधायक रह चुके हैं और अब तक सपा, बसपा और कांग्रेस, तीनों को आज़मा चुके हैं। साल 2008 में पूर्व राज्यसभा सदस्य नरेश अग्रवाल ने यह सीट अपने पुत्र नितिन अग्रवाल के हवाले कर दी और खुद केंद्र की राजनीति करने चले गए। मार्च 2018 में उन्होंने सपा से राज्यसभा न भेजे जाने से नाराज़ होकर भाजपा का दामन थाम लिया था।
हालांकि भाजपा ने इनको ना ही राज्यसभा भेजा और ना ही कोई बड़ा पद दिया। ऐसे में नरेश यूपी चुनाव से पहले वैश्य समाज कार्यक्रम के जरिये अपनी ताकत दिखाएंगे। ऐसे में अब देखना ये भी होगा कि क्या इस सम्मेलन के बाद बीजेपी नरेश अग्रवाल पर भरोसा जताती है और केंद्र की राजनीति में कोई बड़े पद या राज्य सभा भेजेगी।