प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संगम नगरी प्रयागराज पहुंच गए हैं। वह यहां कुंभ कलश रख 5500 करोड़ की 167 परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे। विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक जनसमागम के सकुशल आयोजन के लिए शुक्रवार को त्रिवेणी पूजन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कुंभाभिषेकम भी करेंगे। वह पवित्र त्रिवेणी के तट पर कुंभ कलश की स्थापना करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री लगभग 5500 करोड़ रुपये की 167 परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे।
जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक जनसमागम के सकुशल आयोजन के लिए शुक्रवार को त्रिवेणी पूजन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुंभाभिषेकम भी किया। उन्होंने पवित्र त्रिवेणी के तट पर कुंभ कलश की स्थापना की। यह कलश प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने मोतियों से जड़ित है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगभग 5500 करोड़ रुपये की 167 परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे। वह 11 कॉरिडोर और 29 मंदिरों के जीर्णोंद्धार के साथ पुल, ओवरब्रिज, सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे। इसके अलावा रेलवे, एयरपोर्ट व एनएचएआइ की परियोजनाओं का वह उद्घाटन करेंगे। इन परियोजनाओं से महाकुंभ के आयोजन की दिव्यता व भव्यता बढ़ेगी तो प्रयागराज के विकास को भी गति मिलेगी। वह कुंभ सहायक एआई चैटबाट भी लॉन्च करेंगे।
जनसभा में वह स्वच्छता अभियान का श्रीगणेश करेंगे। प्रधानमंत्री 11 गलियारों (कॉरिडोर) तथा 29 जीर्णोंद्धार मंदिरों के साथ पुल, ओवरब्रिज, सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे। इसके अलावा रेलवे, एयरपोर्ट व एनएचएआइ की परियोजनाओं का वह उद्घाटन करेंगे। जनसभा में वह स्वच्छता अभियान का श्रीगणेश करेंगे। आगमन के बाद सबसे पहले वह निषादराज मिनी क्रूज से नवनिर्मित पक्का स्नान घाट पर बनाई गई जेटी पहुंचेंगे, जहां से किला स्थित अक्षयवट और समुद्रकूप में दर्शन-पूजन करने जाएंगे। इसके बाद बड़े हनुमान मंदिर में भी पूजा-अर्चना करेंगे। फिर वह संगम नोज जाएंगे, जहां महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए त्रिवेणी पूजन करेंगे। इसके बाद संगम नोज पर ही जनसभा को संबोधित करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री महाकुंभ से संबंधित लगभग 5500 करोड़ रुपये की 167 परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे।
शृंगवेरपुर धाम कारिडोर तथा वहां निर्मित निषादराज पार्क और भरद्वाज आश्रम कारिडोर का वर्चुअल लोकार्पण करेंगे। स्वच्छ और निर्मल गंगा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप प्रधानमंत्री गंगा की ओर जाने वाले छोटे नालों को रोकने, टैप करने, मोड़ने और उपचारित करने की परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे। इससे नदी में बिना उपचार वाले जल का गंगा नदी में पहुंचना पूरी तरह से रोक पाना सुनिश्चित होगा।
स्वच्छता अभियान में लगभग 10 लाख लोगों को जोड़ा जाएंगा, जिसमें पांच लाख के करीब स्कूल-कालेजों, विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राएं भी शामिल होंगी। महाकुंभ के लिए प्रस्तावित परियोजनाएं प्रयागराज की सांस्कृतिक पहचान को विश्व स्तर पर सुदृढ़ करेंगी और शहर को नई ऊंचाई पर ले जाएंगी। इन परियोजनाओं से न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी तेजी आएगी। यातायात सुविधाओं में सुधार से यात्रियों और श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी।