नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) काउंसिल की 45वीं बैठक हुई।
जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की उम्मीद थी। हालांकि, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी काउंसिल को लगा कि यह पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने का समय नहीं है।
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उन्होंने कहा कि अधिकतर राज्य इस विचार से सहमत हैं। मतलब ये कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बड़ी कटौती का इंतजार कर रहे लोगों के लिए एक झटका है।
GST काउंसिल में लिए गए बड़े फैसले..
कैंसर की दवाओं पर जीएसटी 12 से घटाकर 5% की गई।
दिव्यांगों के वाहनों पर भी जीएसटी में कमी की गई।
बच्चों की दो जीवन रक्षक दवाओं पर नहीं लगेगी जीएसटी।
मालगाड़ी परमिट पर भी जीएसटी नहीं लगेगी।
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हालांकि, तेल विपणन कंपनियों को डीजल में मिलाने के लिए आपूर्ति की जाने वाली बायोडीजल पर जीएसटी दर को 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। विशेष विकलांग व्यक्तियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले वाहनों के लिए रेट्रो फिटमेंट किट पर जीएसटी दरों को भी घटाकर 5% कर दिया गया है।
इससे पहले पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने के नाम पर कई राज्य इसके विरोध में खड़े हो गए थे। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड, छत्तीसगढ़, केरल समेत ज्यादातर राज्यों ने पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे से बाहर ही रखने को कहा है। ऐसे में ये प्रस्ताव खारिज हो सकता है।
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कोरोना दवाओं पर छूट बरकरार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि कोरोना से जुड़ी दवाओं पर जीएसटी छूट जारी रहेगी। ये छूट 31 दिसंबर 2021 तक के लिए है। वहीं, जीवन-रक्षक दवाओं पर भी जीएसटी छूट का फैसला लिया गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि ज़ोल्गेन्स्मा और विल्टेप्सो दवाओं पर जीएसटी छूट दी गई है। ये दोनों बेहद जरूरी दवाएं हैं जिनकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपए है। इसलिए जीएसटी काउंसिल ने इन 2 दवाओं के लिए जीएसटी से छूट देने का फैसला किया है। वहीं, मेडिकल इक्विपमेंट्स पर जीएसटी छूट नहीं दी गई है। आपको बता दें कि देश में कोरोना महामारी के प्रकोप के बाद काउंसिल की पहली फिजिकल बैठक थी। कोरोना काल में अब तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक हो रही थी।
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7 राज्यों के उप मुख्यमंत्री हुए शामिल
बैठक में 7 राज्यों के उप मुख्यमंत्री शामिल हुए हैं। इनमें अरुणाचल प्रदेश के चौना मेन, बिहार के उप मुख्यमंत्री राज किशोर प्रसाद, दिल्ली के मनीष सिसोदिया, गुजरात के नितिन पटेल, हरियाणा के दुष्यंत चौटाला, मणिपुर के युमनाम जोए कुमार सिंह और त्रिपुरा के जिष्णु देव वर्मा शामिल हैं। इसके अलावा कई राज्यों के वित्त या भी मुख्यमंत्री की ओर से नामित मंत्री भी शामिल हुए हैं।