लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री और राज्यपाल से लेकर अन्य विशिष्ट अतिथियों की सुरक्षा और प्रमुख प्रतिष्ठानों में मुस्तैद रहने वाले जवानों का निशाना अचूक बनाने के लिए अब उन्हें एनएसजी की तर्ज पर शूटिंग का अभ्यास कराया जाएगा।
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सुरक्षा मुख्यालय में अत्याधुनिक इंडोर फायरिंग रेंज का निर्माण तेजी से हो रहा है, जिसे नवंबर माह तक पूरा कराने का लक्ष्य रक्षा गया है।
यूएएफ की ओर से आइएसओ प्रमाणपत्र प्रदान किया गया
जवानों के प्रशिक्षण और आधुनिकीकरण के लिए उठाए गए कदमों के चलते यूपी पुलिस के सुरक्षा विभाग को पहली बार गुणवत्ता के लिए अमेरिका की संस्था यूएएफ की ओर से आइएसओ (इंटरनेशनल आर्गनाइजेशन फार स्टैंडर्डाइजेशन) प्रमाणपत्र प्रदान किया गया है।
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प्रमाणपत्र 17 अगस्त, 2024 तक के लिए प्रदान किया गया
एडीजी सुरक्षा बिनोद कुमार सिंह ने बताया कि, यह प्रमाणपत्र 17 अगस्त, 2024 तक के लिए प्रदान किया गया है। जल्द ही वीआइपी सुरक्षा के बेड़े में नए बुलेटप्रूफ वाहन भी शामिल होंगे।
बुलेटप्रूफ वाहनों का प्रस्ताव शासन को भेजा
मुख्यालय ने 35 बुलेटप्रूफ वाहनों का प्रस्ताव शासन को भेजा है। करीब 25 करोड़ रुपये की लागत से इन वाहनों को खरीदा जाएगा।
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कंट्रोल रूम समेत अन्य बदलाव किए गए
सुरक्षा मुख्यालय भवन में बीते एक वर्ष में नवीन शस्त्रागार, उच्चीकृत प्रशिक्षण कक्ष और कंट्रोल रूम समेत अन्य बदलाव किए गए हैं।
अत्याधुनिक फायरिंग सिम्युलेटर भी स्थापित
पहली बार नागर विमानन मंत्रालय द्वारा मुख्यालय में विशेष प्रशिक्षण भी शुरू कराया गया है। अत्याधुनिक फायरिंग सिम्युलेटर भी स्थापित कराया गया है।
छह लेन की फायरिंग रेंज बनाई जा रही
सुरक्षा मुख्यालय में वर्ष 1999 में इंडोर फायरिंग रेंज बनाई गई थी, जो बीते वर्षों में उपयोग लायक नहीं बची थी। अब एनएसजी की तर्ज पर छह लेन की फायरिंग रेंज बनाई जा रही है।
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मुख्यालय भवन के एक हिस्से को ध्वस्त कराकर नए निर्माण की मंजूरी भी हो गई है। मुख्यालय में चल रहे आधुनिकीकरण में डीआइजी वीके सिंह और एसपी प्रशिक्षण और सुरक्षा वैभव कृष्ण की अहम भूमिका रही है।
बढ़ेंगे पांच बम निरोधक दस्ते
सुरक्षा मुख्यालय ने पांच नए बम निरोधक दस्ते गठित किए जाने की तैयारी की है। इसका प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया है। वर्तमान में 26 बम निरोधक दस्ते हैं। वर्ष 2010 के बाद अब जल्द नए दस्तों का गठन होगा।
बदले गए 100 से अधिक जवान भी
मुख्यमंत्री की सुरक्षा समेत अन्य वीआइपी सुरक्षा में तैनात करीब 100 जवानों को बीते दिनों बदला गया है। वीआइपी सुरक्षा में तैनाती के लिए कर्मियों की आयु को लेकर भी नए मानक तय जा रहे हैं।
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इनके तहत अधिकतम 30 वर्ष आयु तक के आरक्षी और मुख्य आरक्षी, 40 वर्ष आयु तक के उपनिरीक्षक और 45 वर्ष आयु तक के निरीक्षक को ही सुरक्षा ड्यूटी में शामिल किए जाने का प्रस्ताव है।