वाराणसी। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) राज्य के वाराणसी कमिश्नरेट (Varanasi Police Commissionrate) में तैनात आईपीएस अफसर और डीसीपी वरुणा विक्रांत वीर (IPS Varuna Vikrant Veer) के फोन से वायरल व्हाट्सएप चैट (Whatsapp Chat) ने लखनऊ (Lucknow) से लेकर वाराणसी (Varanasi) तक हलचल मचा दी है.
फिलहाल इस मामले में वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश चुप्पी साधे हुए हैं तो वहीं दूसरी ओर पूर्व आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने ट्रांसफर पोस्टिंग का आरोप लगाते हुए हमला बोला है.
मामले में पुलिस कमिश्नर ने डीसीपी से स्पष्टीकरण मांगा
माना जा रहा है कि, जल्द ही इस मामले में पुलिस कमिश्नर ने डीसीपी से स्पष्टीकरण मांगा है. हालांकि अभी कोई भी इस पर कुछ भी कहने से बच रहा है।
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डीसीपी वरुणा ने व्हाट्सएप ग्रुप पर अपनी सफाई
वहीं खुद डीसीपी वरुणा ने इस पूरे मामले में उसी व्हाट्सएप ग्रुप पर अपनी सफाई देते हुए इसे अपनी बेटी के द्वारा भूल से की गई एक गलती बताया है।
वायरल चैट्स में उत्तर प्रदेश पुलिस के बड़े अफ़सरों का नाम
लेकिन जिस तरीके से वायरल चैट्स में उत्तर प्रदेश पुलिस के बड़े अफ़सरों का नाम लिया गया है, उसको देखकर चर्चाओं का बाज़ार गर्म है.
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डीसीपी वरुणा विक्रांत वीर के फोन से 5 मैसेज भेजे गए
बता दें कि, वाराणसी में एक व्हाट्सएप ग्रुप पर डीसीपी वरुणा विक्रांत वीर के फोन से 5 मैसेज भेजे गए. इसमें दो मैसेज डिलीट कर दिए गए। लेकिन जब तक सभी डिलीट होते, तब तक मैसेज वायरल हो गया.
मैसेज में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर से लेकर डीजीपी तक का जिक्र
वायरल चैट मैसेज में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर से लेकर डीजीपी तक का जिक्र है. एडीजी ला एंड आर्डर को लेकर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां भी है.
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पुलिस कमिश्नर बोले, लोकसेवक को सतर्क रहना चाहिए
पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने कहा कि, किसी भी लोकसेवक को पब्लिक प्लेटफॉर्म पर सतर्क रहना चाहिए। अपने आचरण, व्यवहार और कृत्य को लेकर सजगता बरतने के साथ पुलिस बल की गरिमा के अनुसार सदैव अनुशासित रहना चाहिए।
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने सरकार को घेरा
पूर्व आईपीए अमिताभ ठाकुर ने मैसेज के बहाने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि, आईपीएस विक्रांत वीर के इस कथित व्हाट्सएप चैट से योगी सरकार की हकीकत व ट्रासफर-पोस्टिंग का खेल और मनमानापन पूरी तरह सामने आ जाता है।
यह है योगी राज की हकीकत, जिसमें चैट सामने आने के बाद विक्रांत वीर द्वारा तरह-तरह के बहाने बनाने की बात कही जा रही है।
हाथरस कांड के बाद सुर्ख़ियों में आए थे आईपीएस विक्रांत वीर
गौरतलब है कि, डीसीपी विक्रांत वीर हाथरस जिले के उस वक्त पुलिस कप्तान भी रहे, जब दलित लड़की की मौत के बाद आधी रात में अंतिम संस्कार कर दिया था. उस वक्त इस बेहद चर्चित मसले पर दिल्ली से लेकर लखनऊ तक सियासत गर्म हो गयी थी.
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बाद में नाराज योगी सरकार ने विक्रांतवीर को सस्पेंड कर दिया था. छह महीने सस्पेंड रहने के बाद इस साल फरवरी में बहाल हुए. उसके बाद वाराणसी कमिशनरेट बनने के बाद बतौर डीसीपी उनको वाराणसी में तैनाती मिली.