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नोएडा में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा, कार लगाने के नाम पर सैकड़ों लोगों से ठगी

नई दिल्ली। बाइक बोट की तरह कार लगाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का नोएडा पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस ने यात्रा कार सर्विसेज नाम से फर्जी कंपनी बनाकर 122 लोगों से करीब पांच करोड़ रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

कार लगाने के नाम पर लोगों को फंसाते थे आरोपी

आरोपी यूपीएसआरटीसी में कार लगाने के नाम पर लोगों को फंसाते थे। आरोपियों से एक कार और एक मोबाइल बरामद हुआ है। इस मामले में पीड़ितों की संख्या और बढ़ सकती है।

नोएडा में ‘बाइक बोट’ की तर्ज पर लोगों से की जा रही ठगी

एडीसीपी अंकुर अग्रवाल ने बताया कि, पुलिस को सूचना मिली थी नोएडा में ‘बाइक बोट’ की तर्ज पर लोगों से ठगी की जा रही है। इसके तहत पुलिस ने शनिवार को सेक्टर-62 गोल चक्कर से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनके नाम बागपत के वाजिदपुर निवासी दीपक चौधरी और विपिन तोमर हैं।

फिलहाल, दोनों ग्रेटर नोएडा बीटा-2 स्टेलर एमआई सिटी होम में रहते हैं। एडीसीपी ने बताया कि, दोनों आरोपियों ने मार्च 2020 में सेक्टर-63 के सी ब्लॉक में यात्रा कार सर्विसेज और ई-बाइक के नाम से फर्जी कंपनी बनाई थीं।

आरोपियों ने निवेशकों को बताया कि, उनकी कंपनी का उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) से अनुबंध हो गया है। आरोपियों ने झांसा दिया कि, यूपीएसआरटीसी में कार लगाने के लिए चार लाख रुपये का निवेश करने के बाद प्रतिमाह 25 हजार रुपये की किस्त दी जाएगी। इसके अलावा कार का किराया अलग से मिलेगा।

ठगों ने करीब पांच करोड़ रुपये की ठगी की

इस तरह ठगों ने 122 लोगों से निवेश करा लिया। फिर न तो उनके खाते में एक भी किस्त जमा की और ना ही कार खरीदी। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि, ठगों ने करीब पांच करोड़ रुपये की ठगी की है। पुलिस गिरोह के अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। अभी इनके शिकार हुए लोगों की संख्या में और इजाफा हो सकता है।

आरोपियों ने कुछ समय के लिए 6 जनवरी 2021 को (गर्व भारत इनोवेशन) ई-बाइक के नाम से एक नई कंपनी भी बनाई थी। इस कंपनी से भी आरोपियों ने रितु से 61 लाख 50 हजार रुपये ठगे थे।

पुलिस आरोपियों के बैंक खातों को भी खंगालेगी। जांच में पता चला कि आरोपियों के बैंक खाते में करोड़ों रुपये जमा किए गए। फिर इन पैसों को निकालकर अपने निजी खातों में जमा कर लिया।

दोनों पार्टनर में झगड़ा होने के बाद हुआ खुलासा

आरोपी दीपक और विपिन व उनके तीसरे लोकपाल साथी ने यात्रा कार सर्विसेज नाम से फर्जी कंपनी खोली थी। करीब 10 दिन पहले दीपक व तीसरे पार्टनर का पैसे के बंटवारे को लेकर झगड़ा हो गया। दोनों कंपनी पर अपना अपना हक जताने लगे।

मामला इतना बढ़ गया कि, दोनों शिकायत लेकर फेज-3 थाने पहुंच गए। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामले की जांच की तो चला कि कंपनी ही फर्जी है। जांच में सामने आया कि यूपीएसआरटीसी से अनुबंध, बैंक खाता सहित अन्य चीजें भी फर्जी हैं।

पूरी जांच करने के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर दीपक व विपिन को गिरफ्तार कर लिया और अन्य आरोपियों की तलाश में छापेमारी की जा रही है।

ग्रेनो की महिला से ठगे थे दो करोड़ रुपये

गिरोह ने ग्रेटर नोएडा के सेक्टर ओमीक्रोन-3 में रहने वाली रितु चौधरी से दो करोड़ से अधिक रुपये ठगे थे। दीपक ने अपने साथियों के साथ मिलकर रितु चौधरी को बताया कि था कि उन्हें सरकारी विभाग में अधिकारियों के लाने-ले जाने के लिए कार उपलब्ध कराने का ठेका मिला है। इसमें आर्थिक अपराध शाखा मेरठ और लखनऊ का कार्यालय शामिल है।

रितु चौधरी ने सितंबर 2020 में 9 लाख रुपये अपने और तीन लाख रुपये अपने भाई से लेकर चेक के माध्यम से दीपक चौधरी को दे दिए थे। पीड़िता ने बताया कि, 12 लाख रुपये दीपक चौधरी ने कंपनी के खाते में डाले।

इस तरह ठगों ने रितु चौधरी से निवेश के नाम पर वर्ष 2019 से 2021 के बीच दो करोड़ 6 लाख 50 हजार रुपये जमा करा लिए। पीड़िता को कुल 23 लाख 50 हजार रुपये ही लौटाए गए।

हर कार की किस्त अलग

ठगों ने हर कार के लिए महीने की किस्त की अलग-अलग तय कर रखी थी। इसके तहत फॉर्च्यूनर 85, स्कार्पियो 65 और क्रेटा कार 45 हजार और स्विफ्ट डिजायर कार की महीने की किस्त 25 हजार रुपये देने का दावा किया जाता था। हालांकि, आरोपियों ने एक भी निवेशक को निवेश कराने के बाद न तो कार दी और न ही पैसे।

निवेशक लाने के लिए रखे थे एजेंट

ठगों ने निवेशकों को झांसे में लेने के लिए कई एजेंट भी रखे थे। एजेंट के माध्यम से आया निवेशक कंपनी में चार लाख रुपये का निवेश करता था। इनमें से एक लाख रुपये एजेंट को दिए जाते थे। 10 से 15 एजेंट कंपनी के लिए काम कर रहे थे। ये लोग निवेशक को निवेश करने की पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते थे। अब पुलिस को उन एजेंट की भी तलाश है।

हर साल 100 गाड़ियों को लगाने का फर्जी अनुबंध दिखाया

ठगों ने निवेशकों को बताया कि, उनका यूपीएसआरटीसी से अनुबंध हुआ है। इसके तहत एक साल में विभाग को 100 गाड़ियां मुहैया करानी हैं। आरोपियों ने कहा कि जब विभाग को 500 गाड़ियां मुहैया करा दी जाएगी तो प्रतिवर्ष 500 गाड़ियां देने का अनुबंध हो जाएगा।

आरोपियों ने झांसा दिया कि, 100 गाड़ियां विभाग को दी गई हैं, अब 400 और देनी हैं। इसके अलावा आरोपियों ने दावा किया कि तीन लाख देने वाले को तीन साल में 9 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा।

पशुपालन विभाग के निदेशक पर भी दर्ज हुई एफआईआर

पुलिस ने दीपक सिंह चौधरी, दीपक की मां पुष्पा, दीपक की पत्नी रूही, दीपक के चचेरे भाई वासु, कोमल और दीपक के ससुर एस.के मलिक के खिलाफ नामजद एफआईआर की है। दीपक का ससुर संतोष कुमार मलिक लखनऊ स्थित पशुपालन विभाग में एडमिनिस्ट्रेशन एंड डेवलपमेंट के डायरेक्टर पद पर तैनात हैं।

मामले में उनकी संलिप्तता की भी जांच की जा रही है। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि वह एस.के. मलिक से दीपक चौधरी के साथ मिली थी। उस समय एस.के मलिक ने उसे कार यात्रा सर्विस में पैसा लगाने के लिए कहा था।

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