Friday , January 10 2025

पुतिन यूक्रेन को ले कर कर सक्त्व है ये बड़ा एलान 

रूस ने यूक्रेन के जिन इलाकों में कब्जा कर रखा है वहां जनमत संग्रह करवाया है। चार दिन चला यह जनमत संग्रह मंगलवार को पूरा हो गया है। दरअसल इस रेफरेंडम के जरिए रूस इन इलाकों को अपने देश में मिलाने की भूमिका बना रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक जिन इलाकों में जनमत संग्रह करवाया गया है वह यूक्रेन का 15 फीसदी हिस्सा है। यूक्रेन  के लुहांस्क,जापोरिज्जिया, खेरसन और दोनेत्स्क में कराया गया। मतदान के लिए रूसी सैनिकों ने लोगों पर दबाव बनाया और घर-घर हथियार लेकर पहुंचे। मतदान केंद्रों पर भी रूसी सैनिक तैनात थे। संसद में पुतिन कर सकते हैं बड़ी घोषणा मीडिया रिपोर्ट्स के मुतुबिक ब्लादिमीर पुतिन इसी हफ्ते संसद के संयुक्त सत्र में जनमंत संग्रह के परिणाम की घोषणा कर सकते हैं। वह यूक्रेन के 15 फीसदी हिस्से को रूस में विलय करने का ऐलान भी कर सकते हैं। हालांकि पुतिन अगर ऐसा कदम उठाते हैं तो दोनों देशों के बीच युद्ध और भी खतरनाक हो जाएगा।  वहीं रूसी मीडिया भी अटकलें लगा रही है कि पुतिन मार्शल कानून लागू करके कुछ हद तक सेना की तैनाती करेंगे और सीमाओं को उन सभी लोगों के लिए बंद कर दिया जाएगा जिनकी आयु युद्ध में भाग लेने योग्य है। लुहांस्क प्रशासन का कहना है कि 98.5 फीसदी लोगों ने रूस में शामिल होने के  पक्ष में वोट किया। यह बात 69 प्रतिशत बैलट काउंटिंग के आधार पर कही गई है। वहीं जपोरिजिज्या में तैनात किए गए रूस के एक अधिकारी ने कहा कि 93 फीसदी वोटों की गिनती पूरी हो चुकी है। वोटिंग कमिटी के मुताबिक खेरसन में 87 फीसदी लोगों ने क्रेमलिन के पक्ष में मतदान किया है। जाहिर सी बात है कि रूस अपने पक्ष में रिजल्ट सुनाएगा। अंतराराष्ट्रीय स्तर पर इस जनमत संग्रह की निंदा की जा रही है और कहा जा रहा है कि इस रेफरेंडम को माना नहीं जाएगा। कहा जा रहा है कि रूस सैनिकों ने लोगों के दरवाजे जबरदस्ती खुलवाए और फिर बंदूक की नोक पर रूस से पक्ष में मतदान करने का दबाव बनाया गया। मेलितोपोल के मेयर दमित्रो ओरलोव ने कहा कि इस जनमत संग्रह के परिणाम फालतू के हैं। इसका उद्देश्य केवल आंशिक रूप से कब्जा किए क्षेत्र पर दावा ठोकना है क्योंकि आमने-सामने युद्ध करके रूस ऐसा नहीं कर पा रहा है। राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि वह किसी भी कीमत पर इन इलाकों की रक्षा करेंगे। रूस के सिक्यॉरिटी काउंसिल के चेयरमैन दमित्री मेदवेदेव ने भी कहा था कि मॉस्को के पास परमाणु हमला करने का भी अधिकार है और यह कोई मजाक नहीं है। वहीं यूक्रेन का कहना है कि रूस ऐसा करके यूक्रेन के ही लोगों को हथियार उठाने पर मजबूर कर देगा। इसके बाद अपने ही देश के लोगों के खिलाफ जंग लड़नी पड़ेगी।

Check Also

गुजरात के बंदरगाह ने बनाया रिकॉर्ड; पहली बार हुआ सबसे बड़े कंटेनर वाले जहाज का स्वागत

Gujarat Port Sets Record: गुजरात के मुंद्रा पोर्ट ने सबसे बड़े कंटेनर वाले जहाज का …