लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और टीकाकरण की नीति के सही क्रियान्वयन से कोविड पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। प्रदेश के 38 ज़िलों में आज एक भी संक्रमित नहीं हैं, जबकि 21 जिलों में 01-01 मरीज ही शेष हैं।
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24 घंटे में 14 जिलों में 11 नए मरीज मिले
बीते 24 घंटों में हुई 01 लाख 63 हजार 781 सैम्पल की जांच में 65 जिलों में एक भी नया मरीज नहीं पाया गया। केवल 10 जनपदों में कुल 11 संक्रमितों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 08 संक्रमित कोरोना मुक्त भी हुए।
अब तक इतने लोगों ने दी कोरोना को मात
आज प्रदेश में कुल एक्टिव कोविड केस की संख्या 102 है, जबकि 16 लाख 87 हजार 123 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं।
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कई देशों में फिर बढ़ने लगे केस
बता दें कि, विश्व के अनेक देशों में कोविड के केस एक बार फिर बढ़ रहे हैं। देश के कई राज्यों में नए संक्रमित मिलने की संख्या में बढोतरी हो रही है। ऐसे में हमें बहुत सतर्कता-सावधानी की जरूरत है।
दूसरे प्रदेशों से आ रहे हर व्यक्ति की जांच करें
सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि, दूसरे प्रदेशों से उत्तर प्रदेश आ रहे हर व्यक्ति की जांच जरूर की जाए। बस, रेलवे स्टेशन व एयरपोर्ट पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है। त्योहारों के बीच इसका विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।
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अब तक 12 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज लगाई
उत्तर प्रदेश में अब तक 12 करोड़ 83 लाख से अधिक कोविड वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं। 03 करोड़ 11 लाख 97 हजार से अधिक लोगों को टीके की दोनों डोज देकर कोविड का सुरक्षा कवर प्रदान कर दिया गया है। जबकि 09 करोड़ 71 लाख लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है।
प्रदेश की 66 फीसदी आबादी ने ली पहली डोज
टीकाकरण के लिए पात्र प्रदेश की कुल आबादी के 66 फीसदी लोगों ने पहली डोज प्राप्त कर ली है। दूसरे डोज के लिए पात्र लोगों को समय से टीकाकवर दिया जाए। इसे और तेज करने की जरूरत है।
वायरल से प्रभावित जिलों में विशेष सतर्कता बरती जाए
इसके साथ ही डेंगू, कॉलरा, डायरिया मलेरिया सहित वायरल से प्रभावित जिलों में विशेष सतर्कता बरती जाए। अस्वस्थ लोगों के उपचार के लिए सभी अस्पतालों में प्रबंध किए गए हैं। सर्विलांस को बेहतर करते हुए हर एक मरीज के स्वास्थ्य की सतत निगरानी की जाए।
निगरानी समितियों को एक्टिव करने की जरूरत
बचाव के लिए व्यापक स्वच्छता, सैनिटाइज़ेशन और फॉगिंग का कार्य सतत जारी रखें। निगरानी समितियों को एक्टिव करने की जरूरत है। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा स्वयं एक बार केजीएमयू लखनऊ के स्थलीय निरीक्षण करें।